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सीआईएमएस देहरादून में स्थापित यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर में साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ..

प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पाॅन प्रोडक्शन एवं वर्मी कंपोस्ट विषय पर सप्ताहभर होगी ट्रेनिंग

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उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) द्वारा सीआईएमएस, देहरादून में स्थापित किए गए यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर के अंतर्गत सोमवार 7 अप्रैल 2025 को”प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पाॅन प्रोडक्शन एवं वर्मी कंपोस्ट” विषय पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ सीआईएमएस, देहरादून में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में यूसर्क की निदेशक प्रो. (डॉ.) अनीता रावत ने यूसर्क द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न वैज्ञानिक कार्यक्रमों और पहलों की जानकारी प्रतिभागियों के साथ साझा की। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को जैव प्रौद्योगिकी, कृषि आधारित उद्यमिता एवं सतत विकास की दिशा में व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। एक सप्ताह तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्रयोगशाला में प्रत्यक्ष कार्य अनुभव प्रदान किया जाएगा, जिससे वे इन क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर तलाश सकें। प्रो. रावत ने बताया कि एक्सपीरियंटल लर्निंग आधारित हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग के दौरान विशेषज्ञों द्वारा टिश्यू कल्चर तकनीक, उच्च गुणवत्ता वाले मशरूम स्पॉन उत्पादन एवं वर्मी कम्पोस्ट निर्माण की विधियों पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। प्रो. रावत ने बताया प्रशिक्षण शिविर में उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, (ऋषिकेश) देहरादून जिलों से 25 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है।

कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने अतिथियों एवं विभिन्न जनपदों से आए प्रशिक्षणार्थियों का कॉलेज परिसर में स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम आयोजित करने के लिए यूसर्क का धन्यवाद करते हुए कहा कि यूसर्क का यह प्रयास राज्य के युवाओं को वैज्ञानिक सोच से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

कार्यक्रम के दौरान एफआरआई, देहरादून की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका चौहान ने प्रशिक्षुओं को प्लांट टिश्यू कल्चर, मशरूम स्पॉन उत्पादन एवं वर्मी कम्पोस्ट से संबंधित तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इन विषयों में संभावनाओं, तकनीकी चुनौतियों और समाधान पर गहराई से प्रकाश डाला। साथ ही प्रयोगशाला में प्रशिक्षणार्थियों हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग कराई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीआईएमएस के अकादमिक निदेशक डॉ. एस. बी. जोशी, यूसर्क एग्रो इकोलॉजी इंटरप्रैन्योरशिप डेवलपमेंट सेन्टर सीआईएमएस एंड आर देहरादून के केन्द्र समन्वयक डॉ. रंजीत कुमार सिंह, एनजीपी मृदा प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर गौरव सुयाल, ट्रेनर प्रशांत कुमार चौधरी, कमल जोशी एवं सीआईएमएस के शिक्षक गण उपस्थित रहे।

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