
उत्तराखण्ड में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की सूची फाइनल होते ही कई दलों में बगावत भी शुरू हो गई है। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों दलों में टिकट की आस लगाए प्रत्याशी टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर निर्दलीय ही मैदान में ताल ठोक रहे हैं। यह बगावत सभी राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं।
नैनीताल जनपद के रामनगर विधानसभा सीट पर भी अब बगावती तेवर दिखाई दे रहे हैं। यहां कांग्रेस से बगावत कर पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया है। रामनगर सीट बीते कई दिनों से चर्चा में हैं। कांग्रेस ने यहां हरीश रावत को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष रणजीत रावत का विरोध झेलना पड़ा और पार्टी हाईकमान को हरीश रावत की सीट बदलनी पड़ी। कांग्रेस हाईकमान ने रणजीत रावत को सल्ट भेजा तो वहीं हरीश रावत को लालकुंआ भेज दिया। रामनगर से महेन्द्र पाल सिंह को नये प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया। पहले महेन्द्र पाल सिंह को कालाढूंगी सीट पर उतारा गया था, लेकिन बाद में उन्हें रामनगर से उतारकर कालाढूंगी में उनके स्थान पर महेश शर्मा को मैदान में उतारा गया।
महेन्द्र पाल के नाम की घोषणा होते ही संजय नेगी ने बगावती तेवर जाहिर कर दिए और सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। संजय नेगी रामनगर सीट पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे, 2017 में रणजीत रावत के लड़ने से उन्हें टिकट नहीं मिल पाया था तो वहीं 2022 के चुनाव में हरीश रावत के नाम के ऐलान से उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। संजय नेगी जो कि हरीश रावत गुट के माने जाते हैं, उन्हें हरीश रावत के रामनगर सीट से चुनाव लड़ने पर कोई आपत्ति नहीं थी वह हरीश रावत को अपना पूर्ण समर्थन दे रहे थे, लेकिन हरीश रावत की सीट बदलते ही जब रामनगर सीट पर उनके नाम का ऐलान नहीं हुआ तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
रामनगर सीट पर कांग्रेस में हुई इस उथल-पुथल से अब हरीश रावत के लिए लालकुंआ सीट पर भी जंग आसान नहीं होगी, यहां संध्या डालाकोटी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन भर दिया है। और आखिरी समय तक अगर वह अपना नाम वापस नहीं लेती तो यह कांग्रेस व हरीश रावत के लिए असहज स्थिति होगी। संजय नेगी ने आज रामनगर में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों के समर्थन को देखते हुए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। इस दौरान उन्होंने पूर्व विधायक रणजीत रावत पर जमकर आरोप लगाए।