मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य सदियों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जबकि यहां के चारधाम देश व दुनिया के करोड़ों लोगों के आस्था के केंद्र रहे हैं। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने मे पर्यटन का महत्वपूर्ण योगदान है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन दिवस को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य, दुनियाभर में लोगों को पर्यटन के महत्व के प्रति जागृत करना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की किसी भी देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चारधाम सड़क परियोजना एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन का निर्माण तेजी से हो रहा है। इससे प्रदेश में आने वाले पर्यटकों, तीर्थयात्रियों को आवागमन में आसानी होगी। रोड़ कनेक्टिविटी एवं हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिकी के लिए लाभकारी होगा। श्री केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। इसे विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल बनाया जा रहा है। बद्रीनाथ मन्दिर के सौन्द्रयीकरण की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने कहा कि साहसिक पर्यटन के दृष्टिगत माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि गतिविधियों का भी राज्य में काफी विस्तार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते आर्थिक मंदी से जूझ रहे चारधाम यात्रा और पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के लिए राज्य सरकार ने 200 करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज जारी कर संजीवनी देने का काम किया। जिसकी बदौलत चारों धाम के होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी संचालक आदि के साथ ही पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एकमुश्त सहायता राशि सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई है। यह धनराशि लाभार्थियों के खाते में सीधे जमा करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का महत्वपूर्ण विषय रहा है। इसके लिये राज्य में नये पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा पर्यटकों की सुख सुविधाओं का विशेष ध्यान दिये जाने पर कार्य किया जा रहा है। हमारा प्रयास राज्य के नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं जैव विविधता को देश व दुनिया के सामने लाना है।