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केन्द्र का राज्य सरकारों को निर्देश, ब्लैक फंगस को महामारी ऐक्ट में अधिसूचित करें, उत्तराखंड में भी अब तक 3 की मौत…

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देश में कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ता जा रहा है। ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरे को देखते हुए केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इसे महामारी घोषित करने की अधिसूचना जारी करने के निर्देश दिए हैं। राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब व तमिलनाडु इसे महामारी घोषित कर चुके हैं।

बता दें कि देश में कोरोना से ठीक होने और संक्रमण के दौरान काफी लोग ब्लैक फंगस का शिकार हो रहे हैं। आईसीएमआर के मुताबिक ऐसे लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं जो दवाईयों पर चल रहे हैं या उन्हें पहले से कोई बड़ी परेशानी हो, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर हो। ऐसे मरीजों को सांस लेने में फंगल इंफेक्शन की संभावना ज्यादा रहती है। अत: इसे हल्के में लेना खतरनाक है।

ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज भी अब आईसीएमआर के निर्देशों के अनुसार ही होगा, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत राज्य इसे अधिसूचित करेंगे। राज्यों को सलाह दी गई है कि बीमारी का इलाज की स्तरों पर होगा आंखों के सर्जन, कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञ, सामान्य सर्जन और अन्य विशेषज्ञ लगेंगे। इसके इलाज में एंफोटेरिसिन भी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाए।

वहीं उत्तराखंड में भी अब ब्लैक फंगस के नए केस लगातार सामने आ रहे हैं, एम्स ऋषिकेश में अब तक ब्लैक फंगस के 46 मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से तीन मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि एक मरीज को स्वस्थ होने पर छुट्टी दे दी गई है। बुधवार को एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से अल्मोड़ा निवासी 69 वर्षीय बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। अल्मोड़ा बेस अस्पताल में भर्ती मरीज में ब्लैक फंगस के संदिग्ध लक्षण मिलने के बाद एसटीएच हल्द्वानी रैफर किया गया था, जहां से इन्हें एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया। एम्स में जांच के दौरान मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई, जहां देर शाम मरीज ने दम तोड़ दिया।