
कोविड-19 महामारी से प्रभावित पर्यटन व परिवहन सेक्टर को ऊबारने के लिए अब सरकार ने जहां अन्तर्राज्यीय परिवहन को सुचारू करने की मंजूरी दी है, वहीं राज्य के अंदर बस, टैक्सी, ऑटो आदि को क्षमता के बराबर सवारी बैठाने की अनुमति दी है। राज्य में चारधाम यात्रा पर आने वाले पर्यटकों को भी बड़ी राहत दी है। अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कोविड-19 की जांच की निगेटिव रिपोर्ट को दिखाने की शर्त को हटा दिया है, लेकिन चार धाम यात्रा के लिए तीर्थ यात्रियों को देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण और ई-पास के लिए आवेदन अब भी आवश्यक है।
उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा चारधाम यात्रा के लिए जारी की गई नई एसओपी के अनुसार चारधाम यात्रा पर बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए कोविड 19 जांच की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन की ओर से सोमवार देर शाम एसओपी जारी की गई। वही यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को पंजीकरण के दौरान दी गई आईडी, पते का प्रमाण यात्रा के समय साथ रखना होगा।
पंजीकरण के बाद बोर्ड की ओर से यात्रा का ई-पास जारी किया जाएगा। वही अगर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में निर्धारित स्थानों पर थर्मल स्कैनिंग में किसी यात्री में कोविड के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी, इसके अलवा सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। चारधाम में प्रतिदिन दर्शन करने वाले यात्रियों की संख्या सीमित ही रहेगी।
बदरीनाथ धाम में 1200, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 450 तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की गई है। बता दें कि एक जुलाई से प्रदेश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा खोली गई थी। जबकि 25 जुलाई से प्रदेश के बाहर के तीर्थ यात्रियों को भी कोविड निगेटिव रिपोर्ट के साथ यात्रा पर आने की अनुमति दी गई, अब तक देवस्थानम बोर्ड ने 62 हजार से अधिक ई-पास जारी किए हैं।