प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जल जीवन मिशन योजना में हर घर को नल से जल की आपूर्ति की जाएगी। सरकार की कोशिश है कि लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले। वर्तमान में पेयजल कनेक्शन की कीमत 2350 रूपए है। परंतु इतनी राशि हर ग्रामीण द्वारा दिया जाना सम्भव नहीं है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मात्र एक रूपए में पानी का कनेक्शन दिया जाएगा।
देखें वीडियो-
https://www.facebook.com/625450290808829/posts/3562883480398814/
मुख्यमंत्री ने दूधली में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत समेकित सहकारी विकास परियोजना व गंगा गाय महिला डेरी योजना में दुधारू पशु क्रय कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। योजना के अंतर्गत लगभग 5400 लाभार्थियों को 20 हजार दुधारू पशु राज्य के बाहर से क्रय कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के पहले वर्ष चालू वित वर्ष में लगभग 2800 लाभार्थियों को 10 हजार दुधारू पशु क्रय कराए जाएंगे। योजना के तहत इकाई लागत का 65 प्रतिशत ऋण, 10 प्रतिशत लाभार्थी अंशदान और एनसीडीसी व राज्य अंतर्गत संचालित गंगा गाय महिला डेरी योजना से कुल 25 प्रतिशत अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। दुधारू पशुओं का बीमा पशुधन बीमा योजना में किया जाएगा। पूरे प्रदेश में 500 मिल्क बूथ की स्थापना की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वरोजगार की राह पर चलना होगा। हमने प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रारम्भ की है। इसमें ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। लगभग 150 प्रकार के काम इसमें लिए गए हैं। लाभार्थी अपनी रूचि और अनुभव के आधार पर इनमें से कोई भी काम शुरू कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 20 लाख करोड़ रूपए का पैकेज दिया है। इसमें देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है।
राज्य में भी इसी क्रम में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का न केवल प्रारूप बनाया गया बल्कि इसका धरातल पर क्रियान्वयन भी शुरू किया जा चुका है। जिला योजना में स्वरोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में दूध की उपलब्धता को बढ़ाना भी है। इसीलिए निर्णय लिया गया कि योजना के तहत दुधारू पशु राज्य के बाहर से लाए जाएंगे। साथ ही बद्री गाय के संरक्षण पर काम किया जा रहा है। बद्री गाय के घी की बाजार कीमत काफी अधिक है। कोशिश की जा रही है कि इनकी दुग्ध क्षमता को बढ़ाया जा सके। इसमें कुछ सफलता भी मिली है।
राज्य में कोरोना की स्थिति पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से लम्बी लड़ाई है। हालांकि हम बेहतर स्थिति में आ गए हैं, फिर भी तमाम सावधानियां बरतनी जरूरी हैं। घर में बड़े बुजुर्गों और छोटे बच्चों का ध्यान रखें, मास्क की अनिवार्यता और फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड़-19 की स्थितियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में प्रवासी भाईयों को उनके घर पहुंचाया गया है। उनके स्वास्थ्य, भोजन आदि की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही इनमें से जो लोग अब उत्तराखण्ड में रहकर ही काम करना चाहते हैं, उनके लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में व्यवस्था की गई है। मनरेगा में 36 हजार नए रजिस्ट्रेशन करते हुए काम उपलब्ध कराया गया है।