उत्तराखण्ड़ के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को बजट सत्र के दौरान गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया, जिसके बाद सत्ता पक्ष ने इस पर खुशी जताई औऱ इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए जश्न मना रहे हैं। तो वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने गैरसैंण में विधानसभा सत्र को राजनीतिक ड्रामा करार देते हुए सरकार को गंभीरता पूर्वक सत्र चलाने की नसीहत दी हैं।
गैरसैंण राजधानी निर्माण आंदोलन से जुड़े आंदोलनकारियों ने भी प्रदेश सरकार के फैसले को जनता के साथ धोखा बताते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर दिया है। आंदोलकारी मंच के पदाधिकारियों ने कहा ग्रीष्मकालीन राजधानी जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ है। अलग राज्य की लड़ाई के समय प्रत्येक आंदोलनकारी गैरसैंण राजधानी की मांग कर रहा था। राज्य गठन के 20 वर्ष बाद सरकार ने आधा अधूरा फैसला लेकर लोगों को धोखा देने का काम किया है।
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि काग्रेस सत्ता में आने के बाद गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद हमें राज्य मिला है। इस राज्य निर्माण में कई आंदोलनकारियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है। गैरसैंण या भराड़ीसैंण उत्तराखंड के लोगों के जेहन में है। जब हमारी सरकार थी पहले हमने यहां कैबिनेट की बैठक की। फिर दो सत्र विधानसभा के हमने टेंट में किए। इसके बाद हमने गैरसैंण को विकसित करने का काम किया। इसके बाद आज गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की गई है, लेकिन जो बजट था उसमें एक भी रुपये का प्रावधान नहीं किया। 2022 में हमारी सरकार राज्य के अंदर आ रही है। कांग्रेस 2022 में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का काम करेगी।