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उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव-2020, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ।

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उत्तराखण्ड़ की राजधानी देहरादून में स्वामी विवेकानंद की 157 वीं जयंती पर दो दिवसीय उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव-2020 का आयोजन किया जा रहा है। देहरादून स्थित ओएनजीसी ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत व मेयर सुनील उनियाल गामा भी मौजूद रहे। दो दिवसीय कार्यक्रम में देशभर से 375 युवा भाग ले रहे हैं।
उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव एक तीन सूत्रीय कार्यक्रम है और इसमें सेवा, संवाद और संकल्प को मूलमंत्र बनाया गया है। इसमें उत्तराखंड और भारत भर के विभिन्न प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों के 375 युवा छात्रों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है। क्रार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं की सोच के प्रतिबिंब को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, उन्होंने सभी युवाओं से अनुरोध करते हुए कहा कि वह खुद को पहचाने। आने वाला भविष्य भारत का होगा विश्व का मार्गदर्शन आने वाले समय में भारत करेगा, दुनिया के देश बूढ़े हो रहे हैं, लेकिन भारत युवा है जहां सबसे ज्यादा युवा हैं।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान युवाओं को हनुमान का उदाहरण देते हुए कहा कि हनुमान कभी असफल नहीं हुए, हनुमान को बेस्ट मैनेजमेंट के लिए जाना जाता है, कहा कि दुनिया में भी हनुमान के बेस्ट मैनेजमेंट का कोई मुकाबला नहीं है। हनुमान के 10 खूबियों में से कुछ को भी युवा सीख लें तो युवा असफल नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री ने कहा स्वामी विवेकानंद ने जो सिखाया उसे ग्रहण करना चाहिए, स्वामी विवेकानन्द के विचारों को जीवन में उतारना होगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरू की ओर बढ़ रहा है।
उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव में उत्तराखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। इनमें मुख्यतः मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, अवसंरचना और उद्योग के क्षेत्र शामिल हैं। विशेषज्ञों की अध्यक्षता में तीन समानांतर सत्रों का आयोजन किया जाएगा। दूसरे दिन समापन सत्र में मुख्यमंत्री युवाओं से संवाद करेंगे। कार्यक्रम का समापन राज्य और राष्ट्र को उत्कृष्ट बनाने के लिए एवं अनुभव का उपयोग करने के संकल्प (शपथ) के साथ होगा। उत्तराखंड यंग लीडर्स कॉन्क्लेव के पीछे निहित सोच युवाओं के संवाद में प्राप्त ठोस और महत्वपूर्ण निष्कर्षों के उपरांत एक उपयुक्त मसौदा तैयार करना है। राज्य के भविष्य और उत्थान के लिए सबसे उत्साहजनक दृष्टिकोण वाले प्रतिनिधि को नीतीश्री की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।

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