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कालापानी को लेकर उत्तराखंड के सीएम ने कहा, भारत का हिस्सा है, भारत में ही रहेगा’…

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुमाऊं के कालापानी को लेकर चल रहे विवाद पर कहा है कि भारत के हिस्से भारत में ही रहेंगे। कालापानी को लेकर नेपाल की जो प्रतिक्रिया आ रही है, वह उसकी संस्कृति से मेल नहीं खाती है। नेपाल, भारत का मित्र राष्ट्र है। उम्मीद है कि यह मसला बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।

भारत और नेपाल के बीच इस समय कालापानी क्षेत्र को लेकर विवाद चल रहा है। दरअसल, हाल ही में भारत ने एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया है। इसमें उत्तराखंड के कालापानी और लिपुलेख को भारतीय क्षेत्र में दिखाए जाने पर नेपाल ने एतराज जताया है। वहीं, सोमवार को नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा औली का एक और बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने भारत से कालापानी इलाके से अपनी सेना वापस बुलाने को कहा है।

इस संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा लगता है कि वहां नकारात्मक तत्व घुस आए हैं। यह बयान नेपाल की संस्कृति और उसके स्वभाव के भी विपरीत है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने किन परिस्थितियों में यह बयान दिया गया है यह पता नहीं, लेकिन भारत का जो भाग है वह भारत का ही रहेगा। भारत व नेपाल की संस्कृति एक ही रही है, उम्मीद है कि आपसी बातचीत से हल निकल जाएगा।

मुख्यमंत्री ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली के बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कालापानी से भारत के सैनिकों को हटाने की बात कही थी। नेपाल के प्रधानमंत्री का आरोप है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित कालापानी पर भारत ने अतिक्रमण किया है। केंद्र सरकार के हाल ही में जारी देश के नए मानचित्र में कालापानी को भारत का हिस्सा दर्शाया है
इसके बाद नेपाल सरकार लगातार इसका विरोध कर रही है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने सोमवार को इस विवादित मसले पर दिए बयान में भारत सरकार को तुरंत क्षेत्र खाली कर अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है। इसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जो बातें उठ रही हैं, उन्हें बातचीत के माध्यम से हल कर लिया जाएगा।
नेपाल भारत का मित्र राष्ट्र है, इसलिए बातचीत से मसला हल किया जा सकता है। उन्होंने नेपाल की कार्यसंस्कृति पर भी सवाल उठाया कि नेपाल की कार्यसंस्कृति इस तरह की नहीं है कि वह इस तरह से बात करे।