देहरादून : बिजली चोरी को रोकने के लिए उच्चाधिकारियों को अब दफ्तरों को छोड़कर फील्ड में उतरना पड़ेगा। जिन क्षेत्रों में विद्युत हानि ज्यादा है, वहां ओपेक्स मॉडल पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में बिजली चोरी पर रोक लगाने के लिए दो थाने खुलेंगे। अगले छह महीने में सरकारी कार्यालयों में 25 किलोवाट तक प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को उक्त निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में ऊर्जा विभाग के कामकाज की सीएम डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ में परफॉरमेंस इंडीकेटर (केपीआइ) के आधार पर समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि चार किलोवाट से अधिक के बिजली उपभोक्ताओं के 2.25 लाख घरों की मीटङ्क्षरग के लक्ष्य की तुलना में 2.32 लाख घरों की मीटङ्क्षरग की जा चुकी है। एग्रीगेट टेक्नीकल एंड कॉमर्शियल लॉस को 16.53 प्रतिशत तक लाया जा चुका है। इसे 14 प्रतिशत तक लाया जाना है। मुख्यमंत्री ने विद्युत लाइनों को ठीक करने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इन दुर्घटनाओं के प्रभावितों को तुरंत मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा। सौर ऊर्जा व पिरूल आधारित ऊर्जा परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। सरकारी भवनों को सोलर रूफ टॉप के अंतर्गत लाया जाएगा।
ऊर्जा सचिव राधिका झा ने बताया कि जलविद्युत परियोजनाओं से इस वर्ष 13.5 मेगावाट बिजली की वृद्धि होगी। 13 हाइड्रो प्रोजेक्ट से 4700 मिलियन यूनिट उत्पादन के सापेक्ष 4663 मिलियन यूनिट उत्पादन उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 7.76 लाख एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं। औसत बिजली उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में 23.20 घंटे प्रतिदिन और शहरी क्षेत्रों में 23.35 घंटे प्रतिदिन है। बिलिंग एफिशिएंसी 85.78 प्रतिशत की जा चुकी है। सौर ऊर्जा की 148.85 मेगावाट की परियोजनाएं और पिरूल नीति के तहत 675 किलोवाट की परियोजनाएं आवंटित की जा चुकी हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव अमित नेगी व सौजन्या समेत कई अधिकारी मौजूद थे।
डिस्कॉम योजना पर शुरू नहीं हुआ काम
देहरादून: ऊर्जा सचिव राधिका झा का कहना है कि प्रदेश में अभी डिस्कॉम योजना पर काम नहीं हुआ है। राज्य सरकार ऊर्जा निगम के माध्यम से बिजली चोरी रोकने, लाइन लॉस थामने के लिए अभियान छेड़े हुए है। उदय (उज्ज्वल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना) के बारे में केंद्र से निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलने पर आगे कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा।