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कमजोर बेटियों को नई रोशनी दे गए पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल…

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उत्तराखंड के पूर्व राज्यपाल सुदर्शन अग्रवाल आर्थिक रूप से कमजोर बेटियों को नई रोशनी दे गए। अपने कार्यकाल में उन्होंने सहस्त्रधारा रोड पर हिम ज्योति स्कूल की स्थापना की थी, जिसमें आज प्रदेशभर की 280 छात्राएं मुफ्त में रहकर निशुल्क अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। अपनी इस सोच के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे।

वर्ष 2005 में राज्यपाल रहते हुए सुदर्शन अग्रवाल ने इस स्कूल की शुरुआत की थी। इस पहल के साथ उन्होंने राजनीति और नौकरशाही से जुड़े तमाम लोगों को संदेश भी दिया कि अच्छे उद्देश्य के लिए किसी भी पद पर रहते हुए काम किया जा सकता है।

उनकी इस दूरगामी सोच और सकारात्मक समझ का नतीजा आज सबके सामने है। इस स्कूल से 12वीं पास कर 180 छात्राएं या तो देश-विदेश के नामचीन विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रही हैं या फिर अच्छे संस्थानों में नौकरी कर रही हैं। रिक्शा चालक, मजदूर, चपरासी, जिल्दसाज, आया, धोबी, दर्जी या दिहाड़ी मजदूरी करने वालों की बेटियों को हिम ज्योति से नई राह और रोशनी मिली है।

पहाड़ से अमेरिका तक पहुंची छात्राएं
स्कूल की छात्रा पूनम रावत पहले सिंगापुर और अब अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है। अपनी काबिलियत के बूते उसे स्कॉलरशिप के तहत यह मौका मिला है। पूनम पौड़ी जिले के एक बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। स्कूल से पास छात्राएं अब दिल्ली के हंसराज कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, लेडी श्रीराम कॉलेज, इंद्रप्रस्थ कॉलेज जैसे संस्थानों में पढ़ रही हैं।

प्रति छात्रा एक लाख खर्च
मुफ्त शिक्षा, खाना और रहने की सुविधा देने वाले हिम ज्योति स्कूल में प्रवेश का आधार आर्थिक है। यहां किसी भी जाति, धर्म और परिवार की बच्चियां प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला ले सकती हैं। बशर्त कि वो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हों। प्रति छात्रा सालाना एक लाख रुपये तक का खर्च स्कूल की सोसाइटी का आता है।