उत्तराखंड के काशीपुर में आपसी मनमुटाव में बहू ने घर में सो रही सास की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद पति को फोन कर मां के मर जाने की सूचना देकर गुमराह करने का प्रयास किया। वृद्धा की मौत की सूचना पर रिश्तेदार वहां पहुंचे तो उन्हें मृतका के गले पर निशान दिखाई दिए।
रिश्तेदारों ने सूचना देकर पुलिस को मौके पर बुला लिया। पूछताछ करने पर बहू ने अपना जुर्म कुबूल लिया। पुलिस ने पति की तहरीर पर आरोपित महिला के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।
कुंडेश्वरी चौकी के ग्राम खरमासा निवासी गौरव पुत्र राजकुमार अपनी विधवा मां शकुंतला और पत्नी मानसी के साथ रहता था। पिता का 25 वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है। परिवार में विधवा मां के अलावा दो भाई और दो बहनें हैं। तीन वर्ष पूर्व फेसबुक के माध्यम से उसकी पहचान काठगोदाम (हल्द्वानी) निवासी मानसी से हुई। दोनों में प्यार हो गया और 4 दिसंबर 2017 को दोनों ने शादी कर ली।
सोमवार की दोपहर शकुंतला अपनी बेटी मंजू के घर से लौटी थी। शाम करीब छह बजे मानसी ने अपने पति गौरव को फोन किया और रोते हुए बताया कि मम्मी का निधन हो गया है। यह सुनकर वह फौरन घर पहुंचा।
पति की ड्योढ़ी पर कदम रखते ही आंखों में खटकने लगी थी सास
बता दें कि ससुराल की दहलीज पर कदम रखते ही बहू मानसी की आंखों में उसकी सास शकुंतला खटकने लगी थी। प्रेम विवाह में आड़े आने पर मानसी को अपनी सास फूटी आंख नहीं सुहाती थी। गौरव मां का लाडला था और मां पर वह भी जान छिड़कता था।
मां-बेटे के बीच प्यार पत्नी बर्दाश्त नहीं कर पाई और उसने क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए सास की हत्या कर दी। यह खुलासा खुद मानसी ने पुलिस पूछताछ में किया है। खरमासा निवासी गौरव करीब तीन वर्ष पूर्व फेसबुक के माध्यम से मानसी के संपर्क में आया। दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ गया।
मानसी दूसरी बिरादरी की थी। इस कारण उसकी मां को यह रिश्ता पसंद नहीं था। शकुंतला अपनी बिरादरी में ही बेटे का रिश्ता करना चाहती थी। भाई की जिद के चलते उसकी दोनों बहनों ने अपनी मां को समझाकर किसी तरह उसे इस रिश्ते के लिए राजी किया।
शादी के बाद मानसी ससुराल आई तो कुछ दिन बाद ही उसे मां-बेटे के बीच का प्यार अखरने लगा। इस बात को लेकर उसकी गौरव से भी अनबन रहने लगी। साथ ही कई बार दंपति में विवाद भी हुआ। एक बार तो मानसी ने अपने पति पर ही चाकू से प्रहार कर दिया था लेकिन सौभाग्य से चाकू उसे नहीं लगा। मां के समझाने पर गौरव मानसी के साथ अलग रहने के लिए राजी हो गया और करीब तीन माह तक प्रतापपुर की एक कॉलोनी में किराए के मकान में रहा लेकिन किराया वहन न कर पाने के कारण कुछ माह पूर्व वह पत्नी को लेकर फिर गांव चला आया।
इसके बाद फिर से मानसी की अपनी सास के साथ तनातनी रहने लगी। मानसी पति के हिस्से की कृषि भूमि और मकान का हिस्सा बेचकर हल्द्वानी में बसने की फिराक में थी लेकिन गौरव अपनी मां को छोड़कर बाहर जाने के लिए राजी नहीं था। बहु से अनबन के चलते शकुंतला बीच-बीच में अपने बेटे मनोज और बेटियों के घर चली जाती थी। आखिरकार बंदिशें तोड़ने के लिए बहू ने सास की जान ले ली।