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उत्तराखंड में गरमाई राजनीति, बसपा के मंच पर कांग्रेसी नेता ने दिया भाषण, हरीश रावत के हैं करीबी

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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेहद करीबी रहे कांग्रेसी नेता जब बसपा के कार्यक्रम में पहुंचकर भाषण देने लगे तो हर कोई हैरान रह गया। इसके बाद पूर्व प्रदेश महासचिव और पूर्व दायित्वधारी इरशाद अली के बसपा के मंच पर चले जाने से राजनीति गरमा गई।

बसपा ने इरशाद अली को अपने यहां अभी एंट्री नहीं दी है, जबकि कांग्रेस ने उनके इस कदम को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पार्टी से निष्कासन की सिफारिश हाईकमान से कर दी है। दिनभर इरशाद अली का यह मामला चर्चा का विषय बना रहा। पथरी क्षेत्र के नसीरपुर कलां निवासी इरशाद अली को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का बेहद करीबी माना जाता रहा है। रावत ने ही उन्हें वर्ष 2012 में विधानसभा का टिकट देकर चुनाव लड़वाया था।

वे कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे और रावत सरकार में उन्हें राज्य हथकरघा बुनकर कल्याण परिषद का अध्यक्ष बनाकर दायित्वधारी भी बनाया गया था। इरशाद अली ने सोमवार को खुद ही मीडियाकर्मियों को फोन करके कांग्रेस छोड़ने और बसपा में जाने की जानकारी दी थी। सोमवार देर रात को नसीरपुर कलां गांव में बसपा और सपा के संयुक्त प्रत्याशी डॉ. अंतरिक्ष सैनी के समर्थन में हुई सभा के मंच पर भी इरशाद अली पहुंच गए।

उन्होंने सभा को संबोधित भी किया। चर्चा तो यह भी होती रही कि उन्होंने बसपा ज्वाइन कर ली है, लेकिन किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की। मंगलवार सुबह राजनीति उस समय गरमा गई जब चर्चा फैली कि इरशाद अली ने अपने कदम वापस कांग्रेस की तरफ ही खींच लिए हैं। इरशाद अली ने अमर उजाला को बताया कि वे कुछ लोगों के बहकावे में आ गए थे, इसलिए बसपा के मंच पर चले गए थे। वे कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं। पार्टी ने उन्हें पूरा सम्मान दिया है। इसलिए वे कांग्रेस में ही रहेंगे। उधर बसपा के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप बालियान ने भी दावा किया कि इरशाद अली बसपा में शामिल नहीं हुए हैं।

वे आना तो चाहते हैं लेकिन पार्टी हाईकमान के निर्देश के बाद ही उनकी एंट्री कराई जाएगी। इससे अलग कांग्रेस ने इरशाद अली की इस गतिविधि को पार्टी विरोधी मानकर उन पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया है। कांग्रेस के हरिद्वार ग्रामीण के जिलाध्यक्ष धर्मपाल सिंह ने बताया कि इरशाद अली ने खुद ही सोमवार को मुझे फोन कर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी थी। वे बसपा के मंच पर भी गए इसलिए यह पार्टी विरोधी गतिविधि है। उनके निष्कासन के लिए प्रदेशाध्यक्ष को पत्र भेजा गया है।