वॉशिंगटन
वैज्ञानिकों ने कपड़े का एक ऐसा फैब्रिक तैयार किया है जो ऑटिमैटिकली यानी अपने आप ही कपड़े से निकलने वाली हीट को रेग्युलेट कर लेगा। ऐसा होने से उस कपड़े को पहनने वाले व्यक्ति को वातावरण और वेदर कंडिशन के अनुसार ठंडा या गर्म रहने में मदद मिलेगी। इस खास फैब्रिक को तैयार करने वाले अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो जब वातावरण गर्म और नमी भरा होगा तो इस फैब्रिक से हीट निकल जाएगी और जब वातावरण ठंडा और ड्राई होगा तब यह फैब्रिक हीट यानी गर्मी को बाहर निकलने से रोक देगा।
वातावरण के हिसाब से शरीर को ठंडा या गर्म रखेगा
मैरिलैंड यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने सिंथेटिक रेशों पर कार्बन नैनोट्यूब की कोटिंग करके एक ऐसा कपड़ा तैयार किया है, जो वातावरण के हिसाब से शरीर को ठंडा या गर्म रखेगा। जब वातावरण में गर्मी और नमी होती है तब यह कपड़ा शरीर से गर्मी को बाहर जाने देता है और पसीना भी सोखता रहता है। जब वातावरण ठंडा और शुष्क रहता है तो यह कुचालक हो जाता है और शरीर की गरमी को बाहर नहीं जाने देता। इस तरह से यह कपड़ा किसी भी सीजन में पहना जा सकता है। गर्मी में भी और सर्दी में भी।
कार्बन बेस्ड सुचालक मेटल है इसका फाइबर
मैरिलैंड यूनिवर्सिटी के प्रफेसर यूहूआंग वांग ने कहा, यह पहली टेक्नॉलजी है जिसके जरिए हमें इन्फ्रारेड रेज को डाइनैमिकली प्रवेश करवाने का मौका मिलेगा। इस नई टेक्सटाइल के बेस का धागा ऐसे फाइबर से बना है जो 2 अलग-अलग सिंथेटिक मटीरियल से बना है- पहला जो पानी अब्जॉर्ब करता है और दूसरा जो उसे पीछे हटाता है। इस धागे के स्ट्रैन्ड्स कार्बन नैनोट्यूब्स से कोटेड हैं जो बेहद हल्का है, कार्बन बेस्ड है और सुचालक मेटल है।
पानी को सोखने के साथ-साथ प्रतिरोध भी
चूंकि इस फाइबर में मौजूद मटीरियल पानी को सोखने के साथ-साथ उसका प्रतिरोध भी करता है, लिहाजा जब यह पसीने वाले शरीर के संपर्क में आता है तो कपड़े का फाइबर खराब हो जाता है। इसी खराबी या फिर कहें विकृति की वजह से यार्न के स्ट्रैन्ड्स और नजदीक आ जाते हैं जिससे फैब्रिक में मौजूद रोमछिद्र यानी पोर्स खुल जाते हैं। ऐसा होने पर चूंकि हीट शरीर से बाहर निकलने लगता है तो शरीर को ठंडक महसूस होती है। वहीं दूसरी तरफ जब बाहर के ठंडे वातावरण की वजह से शरीर ठंडा होने लगता है तो इस फैब्रिक का मेकैनिज्म उल्टा काम करने लगता है और यह हीट यानी गर्मी को बाहर जाने से रोकता है।