Home उत्तराखंड उत्तराखण्ड में 20 दरोगा सस्पेंड, 2015 पुलिस भर्ती घोटाले का है मामला…

उत्तराखण्ड में 20 दरोगा सस्पेंड, 2015 पुलिस भर्ती घोटाले का है मामला…

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उत्तराखण्ड में लगातार सामने आ रहे भर्ती घोटालों से जहां युवाओं में रोष है, भर्ती घोटालों से शासन-प्रशासन की छवि भी धूमिल हुई है। पटवारी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद युवाओं में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग व सरकार के खिलाफ खासा रोष है, युवाओं को विपक्षी दलों का भी साथ मिला है।  जिसके बाद सरकार ने भी राज्य में नकली विरोधी कानून बनाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राज्य सरकार का कहना है कि जल्द नकल विरोधी कानून बनाया जाएगा, जिसमें पेपर लीक जैसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान होगा।

 

इस बीच आज शासन ने 2015 में हुए पुलिस भर्ती घोटाले में कड़ा एक्शन लेते हुए 20 दरोगाओं को सस्पेंड कर दिया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी. मुरूगेशन ने इसके निर्देश जारी किए हैं। जांच पूरी होने तक ये दरोगा सस्पेंड ही रहेंगे।

 

पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा करवाई गई इस भर्ती परीक्षा के बाद से ही इसमें घोटाले के आरोप लगते रहे, घोटाले की शिकायत पर इसकी जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। विजिलेंस ने 20 से अधिक दरोगाओं की भूमिका को संदिग्ध माना है, जिसके बाद इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। एक साथ 20 दरोगाओं के सस्पेंड होने से पुलिस महकमें में भी हडकंप मचा हुआ है। 2015 में पंतनगर विश्वविद्यालय ने दरोगा के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा कराई, इस परीक्षा में ऊधमसिंह नगर से 50 से अधिक युवा सफल हुए थे।