इसी दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखे झड़पें और हाथापाई भी हुई। प्रशासन ने एहतियातन जिले भर में देसी शराब के ठेकों को बंद करा दिया है। साथ ही देर रात दो आबकारी निरीक्षक और एक उपनिरीक्षक को निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर और उप निरीक्षक कुलवंत सिंह, चौकी प्रभारी धारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
दरअसल पथरिया पीर भाग दो मुहल्ले में कई ऐसे ठिकाने हैं, जहां अवैध रूप से शराब बेचने का गोरखधंधा चल रहा था। मौत के मुंह में गए सभी लोगों ने एक ही अवैध ठिकाने से शराब खरीदी थी। बृहस्पतिवार को सबसे पहले राजेंद्र (30) की मौत हुई थी। राजेंद्र ने शराब का सेवन किया था। इसके बाद लल्ला (32) और सेवानिवृत्त फौजी शरण (58) की मौत हुई थी। तीनों को दून अस्पताल ले जाया गया, जहां पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
इन्हें वायरल की शिकायत होने के कारण परिजनों को लगा कि बीमारी के चलते उनकी मौत हुई है। इसीलिए तीनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले की जानकारी मिलने के बाद विधायक गणेश जोशी ने पीड़ित परिवारों से मिलकर आर्थिक मदद की थी।
शुक्रवार को भी मौत का सिलसिला नहीं थमा। अचानक तबीयत बिगड़ने पर आकाश (24), सुरेन्द्र (34) और इंदर (45) को हालत बिगड़ने पर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर एक-एक कर उनकी मौत हो गई। तब जाकर हल्ला मचा कि इन सभी लोगों की मौत जहरीली शराब के सेवन से हुई है। इसे लेकर इलाके के लोगों का आक्रोश फूट पड़ा।
लोगों ने पुलिस पर शराब बेचने वालों के साथ सांठगांठ का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। आक्रोशित महिलाओं ने शराब बेचने वालों के घरों में घुसने का प्रयास किया। इस दौरान लोगों और पुलिस के बीच झड़प और हाथापाई भी हुई। मौके पर पहुंचे भाजपा विधायक गणेश जोशी ने सीओ सिटी शेखर सुयाल के साथ लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। हालांकि, देर रात तक महिलाओं का हंगामा जारी था।