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डायबिटीज रोगियों में हृदय रोग का खतरा सबसे जायदा, पढ़ें हृदय रोग विशेषज्ञ की सलाह

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हर साल 14 नवंबर, विश्‍व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) के रूप में मनाया जाता है। आज इस मौके पर वरिष्‍ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉक्‍टर संतोष कुमार डोरा डायबिटीज और हृदय रोग के बीच संबंधों और जोखिम के बारे में

विश्वव्यापी आंकड़े बताते हैं कि 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के कम से कम 68 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में हृदय रोग से मरते हैं। डायबिटीज वाले वयस्कों में बिना डायबिटीज वालों की तुलना में हृदय रोग से मरने की संभावना दो से चार गुना अधिक है। यानी, डायबिटीज पेशेंट में हृदय रोगों का खतरा आम लोगों से अधिक होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, डायबिटीज हृदय रोग के सात जोखिम कारकों में से एक है, जिस पर नियंत्रण किया जा सकता है। डायबिटीज न केवल हृदय रोग विकसित करता है, बल्कि यह मस्तिष्क, गुर्दे, पैर, आंखें आदि की धमनियों को सख्‍त बनाता है।

तो, यहां ये समझना जरूरी है कि, डायबिटीज और हृदय रोग के बीच क्या संबंध है और डायबिटीज के मरीज सामान्य रूप से हृदय रोग से क्‍यों पीड़ित हैं?

डायबिटीज और हृदय रोगों में संबंध क्‍या है?

“डायबिटीज और हृदय रोग, दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक पक्ष कहता है कि डायबिटीज हृदय रोग के समान है। अगर आपको डायबिटीज है और कभी हार्ट अटैक नहीं आया है तो आपमें भी हृदय रोग की संभावना बरकरार रहेगी। क्‍योंकि, एक व्‍यक्ति जिसे डायबिटीज नहीं है उसे भी हार्ट अटैक पड़ सकता है। और इसके विपरीत, जो व्‍यक्ति कोरोनरी हृदय रोग से जूझ रहे होते हैं उन्‍हें डायबिटीज भी होती है।”

डायबिटीज पेशेंट को क्‍यों होता है हृदय रोग?

डायबिटीज रोगियों में हृदय रोग से पीड़ित होने का कई कारण हैं। डायबिटीज में उच्च ग्लूकोज का स्तर रक्त वाहिकाओं की क्षमता को कम कर देता है, जिससे धमनियां संकीर्ण होने के साथ दीवरों पर सूजन आ जाती है। इसके अलावा, प्‍लाक के टूटने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। यह प्लेटलेट्स की संरचना और कार्य में असामान्य परिवर्तन का कारण बन सकता है, जिससे रक्त के थक्कों का निर्माण होता है और अंततः दिल का दौरा पड़ता है। इसके अलावा, मधुमेह ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है जो एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रक्रिया को बढ़ाता है जिससे कोरोनरी हृदय रोग होता है।

डायबिटीज रोगी हृदय रोग के एक प्रकार से भी पीड़ित हो सकते हैं, जिसे कार्डियोमायोपैथी के नाम से जाना जाता है, जिसमें दिल का फूलना और बढ़ जाना और कमजोर हो जाना, हृदय की विफलता के रूप में प्रकट होता है।

डायबिटीज रोगियों में हृदय रोग की प्रगति को डायबिटीज मेलेटस के सख्त नियंत्रण से रोका या धीमा किया जा सकता है। स्वस्थ जीवन शैली में बदलावों को अपनाने से इस समस्‍या को रोका जा सकता है।

डायबिटीज पेशेंट हृदय रोगों के जोखिम को कैसे कम करें?
  • स्वस्थ आहार मधुमेह प्रेरित कोरोनरी हृदय रोग के विकास के आपके जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। साबुत अनाज फाइबर, लीन प्रोटीन और कलरफुल फल और सब्जियां, फलियां और दालें, कम वसा वाले आहार का सेवन करें।
  • एरोबिक एक्‍सरसाइज रक्त शर्करा के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में सहायक है। सप्ताह में कम से कम 5 दिनों के लिए 30 मिनट एक्‍सरसाइज जरूर करें। एरोबिक एक्‍सरसाइज में तेज चलना, साइकिल चलाना, तैरना आदि शामिल हैं।
  • वजन में कमी मधुमेह नियंत्रण में मदद करती है। एक स्वस्थ आहार पैटर्न और नियमित व्यायाम वजन कम करने में मदद करता है। इसके अलावा मानसिक तनाव के स्‍तर को कम करें।
  • धूम्रपान टाइप 2 डायबिटीज का कारण हो सकता है। जो लोग धूम्रपान करते हैं उन्हें मधुमेह होने का खतरा 30 से 40% अधिक होता है। धूम्रपान और मधुमेह दोनों हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए बहुत उच्च जोखिम वाले कारक हैं।
  • 40 से 70 आयु वर्ग के व्यक्तियों को 3 साल में कम से कम एक बार डायबिटीज की जांच जरूर करानी चाहिए। जो लोग अधिक जोखिम में हैं उन्हें अधिक लगातार अंतराल पर स्क्रीनिंग करनी चाहिए।