देश में बढ़ती बेरोजगारी के मुद्दे पर युवा सड़कों पर उतर आए हैं। बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को जगाने के लिए बेरोजगारी थाली-ताली बजाकर भी अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं, तो वहीं 9 सितंबर को रात 9 बजकर 9 मिनट पर कैंडल जलाकर भी अपना विरोध दर्ज कराया। देश में बेरोजगारों की हालात दर्शाते हुए कई वीडियो वो फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बेरोजगारों के समर्थन में लोग इन वीडियो/फोटोज को खूब लाइक, शेयर भी कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। मगधी ब्वायज पेज पर अपलोड़ यह गाना बिहार सरकार में बेरोजगारी और प्रतियोगी परीक्षाओं के रिजल्ट के इंतजार पर आधारित है।
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वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने भी फेसबुक पर एक पोस्ट डालते हुए यह वीडियो शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि यह गाना सुनकर मन उदास हो गया है। परीक्षाओं के इंतजार का दुख अब बेरोजगारों के मंनोरंजन का साधन बन गया है। गीत शेयर करते हुए रवीश कुमार ने कटाक्ष करते हुए लिखा है कि युवाओं की राजनैतिक चेतना समाप्त हो चुकी है और बेरोजगारी ने उन्हें दयनीय बना दिया है। यही वजह है कि वह अपनी समस्या आरती के रूप में बता रहे हैं। यह गाना बता रहा है कि उनके भीतर का विपक्ष ख़त्म हो चुका है। काश उन्हें इस उम्र में इन सब से नहीं गुजरना होता। बेरोज़गारी ने उन्हें दयनीय बना दिया है। क्या कर सकते हैं। उम्मीद है बिहार की सरकार अपने भक्तों की आरती सुन लेगी।
वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की फेसबुक पोस्ट-