
हमारे घर के आसपास बहुत से ऐसे पौधे हैं जिनका हम दवाईयों के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर इनका सेवन रोजाना किया जाए तो बहुत सी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। इन्हीं में से एक है तुलसी का पौधा। हिंदूओं के लगभग हर घर में पूजी जाने वाली तुलसी को अगर दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाए तो केवल जुकाम-बुखार ही नहीं बल्कि और भी बीमारियों से राहत मिल सकती हैं। तो चलिए जानें तुलसी के पत्ते का सेवन किस तरह से सेहत के लिए फायदेमंद है।
तुलसी को आयुर्वेद में संजीवनी बूटी के समान माना गया है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में तुलसी स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताई गई है। तुलसी को अदरक, मुलैठी और शहद के साथ खाया जाए तो बुखार में आराम मिलता है। इसके साथ ही मासिक धर्म के दौरान कमर में दर्द के दर्द को दूर करने के लिए एक चम्मच तुलसी का रस लें और मासिक धर्म नियमित हो इसके लिए भी तुलसी के पत्ते चबाने चाहिए।
बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पांच पत्ते खाने से बुखार व जुकाम नहीं होता है।
तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह के छाले दूर सही हो जाते हैं और आपके दांत भी स्वस्थ रहते हैं।
तुलसी खाने से दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं से कुछ ही दिनों में यह रोग दूर हो जाता है।
रोज़ाना तुलसी की पत्तियां खाने से दमा और टीबी की बीमारी नहीं होती है। सांस की दु्र्गंध को दूर करने में भी तुलसी के पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं।
तुलसी की मात्र 11 पत्तियों का 4 खड़ी काली मिर्च के साथ सेवन करके मलेरिया और टाइफाइड को ठीक किया जा सकता है।
तुलसी के आस-पास रहने वाले लोगों को कुष्ठ रोग होने की संभावना नही रहती है।
तुलसी का काढ़ा पीने से पुराने से पुराने माइग्रेन और साइनस को खत्म किया जा सकता है।
श्यामा तुलसी के पत्तों का रस आंखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाती है।
गठिया के दर्द में तुलसी की जड़, पत्ती, डंठल, फल और बीज में गुड़ मिलाकर 12-12 ग्राम की गोलियां बना लें और सुबह-शाम दूध के साथ इसका सेवन करने से गठिया व जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
तुलसी के 10 पत्ते, 5 काली मिर्च और 4 बादाम को पीसकर आधा गिलास पानी में एक चम्मच शहद के साथ लेने से हाई ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।
तुलसी के पत्तों को जीरे के साथ मिलाकर पीस लें और उसे दिन में 3-4 बार चाटते रहें ऐसा करने से दस्त रुक जाते है।