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वाइस चांसलर ऑफ द ईयर(2021) सम्मान से सम्मानित हुए प्रो. हेम चन्द्रा…

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हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति प्रो. (डॉ.) हेम चन्द्रा को वाइस चांसलर ऑफ द ईयर के सम्मान से सम्मानित किया गया है। शिक्षक दिवस के अवसर पर वीर माधो सिंह भण्डारी तकनीकी विश्वविद्यालय में टीचर ऑफ द ईयर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रो. चन्द्रा को वाइस चांसलर ऑफ द ईयर 2021 से सम्मानित किया। प्रो. हेम चन्द्रा को यह सम्मान चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए विशिष्ट कार्यों के लिए उन्हें दिया गया। डॉ. चन्द्रा अपने बेहतरीन कार्यों के लिए अब तक कई पुरस्करों से सम्मानित किए  जा चुके हैं। उन्हें इण्डियन मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा फेलो सम्‍मान भी मिल चुका है। इस वर्ष डॉक्टर्स डे के अवसर पर उच्च शिक्षा कल्याण परिषद (एशोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंश इस्टीट्यूशन) उत्तराखण्ड ने प्रो. (डॉ.) हेम चन्द्र पांडे को प्रथम “उत्तराखण्ड चिकित्सा रत्न” से सम्मानित किया गया।

प्रो.(डॉ.) हेम चन्द्र पांडे ने बेहद गरीबी के बावजूद चिकित्सा सेवा क्षेत्र में ही जाने का संकल्प लिया और सपने को पूरा भी कर दिखाया। आज हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में डा. हेम चंद्र अपनी योग्यता से देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं।

हेम चन्द्रा 1970 में मिशन इंटर कालेज द्वाराहाट से हाईस्कूल उत्तीर्ण करने बाद अपने अधिवक्ता भाई प्रमोद पांडे के पास लखनऊ चले गए। यहीं से इंटर की पढ़ाई करते हुए सीपीएमटी क्वालिफाइ कर 1982 में केजीएमसी (अब केजीएमयू) से एमबीबीएस की डिग्री ली। डिग्री के बाद शुरुआत के तीन वर्ष अंडमान निकोबार में सेना के अस्पताल में बतौर मेजर सेवाएं दी। फिर दो साल बरेली व शाहजहांपुर में तैनात रहे। तब से पीजीआइ लखनऊ में बतौर अस्पताल प्रशासन विभागाध्यक्ष व चिकित्सा अधीक्षक रहे। सितंबर 2018 में कुलपति बनने के बाद डीजी स्वास्थ्य उत्तराखंड ने उन्हें कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम व प्रबंधन के लिए राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का अध्यक्ष नामित किया है। डा. हेम ने विवि में पहली बार पीएचडी कोर्स भी शुरू कराया है। इस सत्र से मास्टर इन हास्पिटल एडमिनिस्टे्रशन (एमएचए) भी शुरू कर रहे हैं। डा. हेम कहते हैं कि गांव के अभावग्रस्त जीवन से आगे निकलना इतना आसान नहीं था। बावजूद इसके शुरुआत से ही एक संकल्प था कि चिकित्सक बनकर पब्लिक की सेवा करनी है। लक्ष्य यही है कि सेवा का यह कर्म जारी रहे।स्‍वास्‍थ्‍य एवं अस्‍पताल प्रबंधन के रूप में तीन दशक का अनुभव रखने वाले प्रो हेमचन्‍द्र आर्मी मेडिकल कोर में भी पांच साल सेवायें दे चुके हैं।