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विदेशी ताकतों को मुंहतोड़ जबाब देने के लिए व्यसन मुक्त युवा होना जरूरी।

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26 जून को हर साल दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी, लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। देशभर में आज नशा निषेध दिवस मनाया गया जहां नशे की लत से बाहर आए लोगों को सम्मानित भी किया गया।

उत्तराखण्ड में भी कई युवा नशे की ग्रस्त में आ चुके हैं। नशे की ग्रस्त में आए युवाओं को इस व्यसन से मुक्त करने व उनके कल्याण के लिए प्रदेश में मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्टाचार निवारक समिति 10 वर्षों से लगातार युवाओं को नशा मुक्त करने का काम कर रही है। समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी 10 वर्षों से विभिन्न स्कूलों में जाकर छात्र-छात्राओं व युवाओं को नशे से दूर रहने के प्रति जागरूक करते रहे हैं। उन्होंने देश के युवाओं से “नशे को ना जिंदगी को हां” का नारा देते हुए व्यसन मुक्त रहने की अपील की है।

आज अन्तर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के अवसर पर एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने सैंकड़ों युवाओं से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बात की और उनसे नशा रूपी राक्षस से दूर रहने की अपील की। अपने संदेश में उन्होंने कहा भारत को तोड़ने की कोशिश करने वाली विदेशी शक्तियों का सामना हम तभी डटकर कर पाएंगे जब हमारा युवा नशा मुक्त होगा। उन्होंने अल्मोड़ा जिले के हवालबाग नशा मुक्ति केन्द्र से स्वस्थ होकर लौटे युवाओं को भी अपनी शुभकामनाएं दी हैं। इस केन्द्र से लौटे दो युवाओं द्वारा सकारात्मक सोच के साथ जीवव बिताने के उद्देश्य से एक युवक रियाज द्वारा प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी की जा रही है, तो दूसरा युवा हिमांशु अपना रोजगार शुरु कर चुका है।

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