कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन घोषित किया गया। लेकिन लॉकडाउन कारण के कारण ऐसी परिस्थिति ने जन्म लिया कि आज मजदूरों की रोजी-रोटी छिन चुकी है, हजारों लोगों की नौकरियों पर संकट के बादल या चुके हैं। जिससे प्रवासियों के अंदर असुरक्षा का भाव उत्पन्न हो चुका है। अब प्रवासी हर – हाल में अपने घर लौटना चाहता है। इसमें राज्य सरकारें भी अब अपने-अपने लोगों को वापस लाने का काम कर रही हैं।
उत्तराखंड से भी लाखों लोग विभिन्न राज्यों में रहते हैं। कोरोना महामारी से उपजे संकट के बाद ये लोग अपने घर लौटना चाहते हैं। उत्तराखंड सरकार के मुताबिक लगभग 1 लाख 65 हजार लोग उत्तराखंड लौटना चाह रहे हैं, जिन्हें लाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है, और कुछ लोगों को लाया भी जा चुका है।
सरकार प्रवासियों को उत्तराखंड लाने के साथ ही इन्हें यहीं पर रोजगार दिलाने के लिए भी कार्ययोजना बना रही है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि प्रदेश में लौटे प्रवासी चाहें तो राज्य में अपना कारोबार शुरू कर सकते है, सरकार का मकसद है कि अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार के मौके मुहैया कराए जाएं, इसके लिए सरकार ने पर्याप्त बजट की व्यवस्था भी की है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत सब्सिडी 35 प्रतिशत तक है, लेकिन इस योजना का लाभ अधिक लोगों को नहीं मिल पाता है। इसके साथ ही इसमें सब्सिडी भी बाद में मिलती है। लेकिन इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद जैसे ही बैंक फाइनेंस करने को तैयार होगा वैसे ही प्रोजेक्ट लगाने वाले व्यक्ति को सब्सिडी का लाभ मिल जाएगा।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को उन छोटे उद्यमियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जो बहुत बड़े प्रोजेक्ट नहीं लगाना चाहते नई योजना में काम के लिए कोई नकारात्मक सूची नहीं है। इस योजना में कोई भी काम शुरू किया जा सकता है।
कोई भी व्यक्ति राज्य में दुकान, डेरी, मछली पालन, ब्यूटी पार्लर, पशुपालन, मुर्गी पालन, बार, होटल, रेस्टोरेंट, लाइसेंस के तहत मीट की दुकान या अन्य किसी भी प्रकार का कारोबार शुरू कर सकता है। नई योजना में काम के लिए कोई श्रेणी तय नहीं की गई है। इन परियोजनाओं को स्वीकृति सरकार देगी और बैंक को भी आवेदन सरकार की ओर से होगा। लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिले इसके लिए तय समय के भीतर आवेदन से लेकर प्रोजेक्ट मंजूर करने की अनिवार्यता की गई है।
योजना के तहत 25 लाख तक के मैन्युफैक्चरिंग के काम शुरू किए जा सकेंगे। योजना के तहत यदि दूरस्थ जिलों में कोई मैन्यूफैक्चरिंग प्रोजेक्ट लगाता है तो 25 लाख की परियोजना पर उसे 6 लाख यानी करीब 25 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह बी श्रेणी के जिलों में यह सब्सिडी 20% जबकि मैदानी क्षेत्र में प्रोजेक्ट पर 15 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह यदि कोई दूरस्थ पहाड़ी जिलों में 10 लाख की परियोजना शुरू करता है तो उसे 25 प्रतिशत यानी ढ़ाई लाख की सब्सिडी मिलेगी। भी श्रेणी के जिले में यह सब्सिडी 20% जबकि मैदान में 15% होगी।
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि कोरोना महामारी से उपजे हालातों को सुधारने की दिशा में यह योजना खासी कारगर साबित होगी, इस योजना से उत्तराखंड में रोजगार बढ़ने के साथ ही राज्य की आर्थिकी भी मजबूत होगी।