उत्तराखण्ड़ में हुई बर्फबारी जहां स्थानीय व बाहर से आए पर्यटक लुफ्त उठा रहे हैं, वहीं यह कई स्थानों पर बर्फ परेेशानी का सबब बन चुकी है। उत्तरकाशी में बर्फबारी के कारण यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप में बंद होने के कारण बड़कोट आईटीआई के छात्र पैदल ही अपने घरों के लिए निकल गए, सात छात्र पोल गांव और राड़ी के बीच जंगल में रास्ता भटक गए थे।शुक्रवार को सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन की टीम इन छात्रों की खोज को रवाना हो गई थी। आखिर रात को ही बड़ी मशक्कत के बाद टीम को सभी लापता छात्र मिल गए। जिनमें से एक छात्र अनुज सेमवाल की ठंड लगने के कारण तबीयत खराब हो गई थी। जहां से अनुज को बड़कोट अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।मिली जानकारी के अनुसार बड़कोट आईटीआई के कुछ छात्र बर्फबारी के चलते शुक्रवार को अपने घरों को लौट रहे थे। यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप में बंद होने के कारण उन्हें बड़कोट से कोई वाहन नहीं मिला तो वे 12 बजे पैदल ही उत्तरकाशी की ओर चल पड़े।
जंगल के रास्ते में भारी बर्फ बिछी होने के कारण वह रास्ता भटक गए। वह पोल गांव और राड़ी टॉप के बीच मुराल्टा के जंगल में कहीं फंस गए। आसपास कोई गांव या आबादी नहीं होने से उन्हें आश्रय नहीं मिल पाया।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम को मौके के लिए रवाना कर दिया गया था।