देहरादून: उत्तराखण्ड के स्कूली बच्चों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार कक्षा 10 तक के बच्चों के बैग का बोझ कम करने जा रही है। आपको बता दें कि एक मीडिया सर्वे के मुताबिक वर्तमान में यूकेजी का बच्चा जिसका खुद का वजन 18 किलो है वह 5 किलो का बैग ढोकर स्कूल जा रहा है। जबकि मंत्रालय के निर्देश के अनुसार क्लास दस के छात्र के बस्ते का वजन 5 किलो होना चाहिए।
भारी बस्ता लेकर ऊपरी मंजिल की सीढ़ी चढ़ने में हांफ जाते हैं बच्चे
दरअसल स्कूल जाने वाले बच्चे बस्ते के बोझ से परेशान हैं।नर्सरी के बच्चे का बस्ता औसतन साढ़े तीन किलो का है। बैग इतना भारी रहता है कि छुट्टी के वक्त स्कूल से बाहर निकलते ही पेरेंट्स सबसे पहले बस्ता ही उसके हाथ से लेते हैं। छोटे-छोटे बच्चों ने बताया कि इतना भारी बस्ता लेकर वह सीढ़ी पर चढ़ने में हांफ जाते हैं। क्लास थ्री के बच्चे छह किलो और क्लास आठ के बच्चे आठ किलो तक का बैग लेकर स्कूल जा रहे हैं।स्कूली बच्चे 3 किलो से आठ किलो तक का वजन अपने बैग में लेकर स्कूल जा रहे हैं। क्लास आठ के बच्चे मानकों से दोगुना वजन का बस्ता उठा रहे हैं। किसी बच्चे का बस्ता आठ किलो से कम नहीं मिला जबकि वह साढ़े चार किलोग्राम से ज्यादा नहीं होना चाहिए। क्लास तीन के बच्चों के बैग का वजन किसी स्कूल में छह किलो से कम का नहीं मिला।
आपको बता दें कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्कूल जाने वाले पहली से दसवीं तक के बच्चों के बस्ते का अधिकतम बोझ तय कर दिया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए राज्यों को कहा है। मंत्रालय ने कहा है कि पहली और दूसरी के बच्चों का बस्ता डेढ़ किलो से ज्यादा भारी न हो। उसने दसवीं के छात्रों के लिए इसकी अधिकतम सीमा पांच किलोग्राम तय की है।
उत्तराखंड में स्कूली बच्चों के भारी-भरकम बस्ते का वजन कम करने जा रही है सरकार
उत्तराखंड शिक्षा विभाग भी राज्य में स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन कम करने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। सूत्रों की माने तो शासन स्तर पर चर्चा के बाद इस फार्मूले को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है अब जीओ जारी होने की औपचारिकता ही बाकी है।
बस्ते के वजन का यह है नया मानक
कक्षा 1-2 तक बस्ते का वजन 1.5 किलो
कक्षा 3-5 तक बस्ते का वजन 2 से 3 किलो
कक्षा 5-7 तक बस्ते का वजन 4 किलो
कक्षा 8-9 तक बस्ते का वजन 4.5 किलो
कक्षा 10 तक बस्ते का वजन 05 किलो