पोखरी में इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार है। इस बार बारिश अच्छी होने से गेहूं की फसल भी अच्छी हुई है, लेकिन अब ग्रामीणों को डर है कि ओलावृष्टि हुई तो सालभर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। काश्तकार कमल सिंह और पुष्कर का कहना है कि अप्रैल माह के शुरुआत में हुई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। अब फसल पूरी तरह से पककर तैयार है, यदि अब ओलावृष्टि हुई तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।
असमय बारिश से किसानों को नुकसान
बारिश से कुमाऊं में पहाड़ के कई इलाकों में जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। मुनस्यारी में हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली और नाग्निधुरा चोटियों में बर्फबारी हुई। मुनस्यारी के साथ ही नाचनी, डीडीहाट, अस्कोट, धारचूला में हल्की बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में डीडीहाट में एक, धारचूला में 4.5 और धारचूला में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई।
सीमांत जिले में असमय हो रही बारिश से काफी नुकसान पहुंच रहा है। मुवानी, नाचनी, अस्कोट, बगड़, तीतरी, झूलाघाट आदि जगहों पर गेहूं की कटी हुई बालियां काली पड़ गई हैं। अल्मोड़ा में बारिश से तापमान भी घटकर 16 डिग्री पहुंच गया है। जिले में पिछले 24 घंटे में 2.2 एमएम बारिश हो चुकी है। बागेश्वर के रवाईखाल, बमराड़ी, बुड़गढ़ और फटगली सहित अन्य गांवों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बारिश का पानी घरों में घुस गया। आधे घंटे हुई मूसलाधार बारिश से नाले उफना गए। प्रशासन ने भी दो दिन के लिए अलर्ट जारी किया है। इधर, गदरपुर में रिमझिम बारिश ने गेहूं की कटाई पर ब्रेक लगा दिया है। बाजपुर में भी बुधवार की सुबह हल्की बारिश होने से गेहूं की कटी हुई फसल भीग गई है। वहीं, आलू की फसल के लिए इस बारिश को अच्छा माना जा रहा है।