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उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी से लौटी जनवरी जैसी ठंड

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उत्तराखंड में आज तीसरे दिन भी मौसम खराब रहा। कई इलाकों में हल्की बारिश हुई तो ऊंची वादियां बर्फ से सराबोर हो गई हैं। राजधानी देहरादून सहित अधिकतर इलाकों में बादल छाए रहे। वहीं तापमान में गिरावट होने से ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे अप्रैल माह में ठंड लौट आई है।

गढ़वाल के नई टिहरी में बारिश से जनवरी जैसी ठंड हो गई है। बड़कोट यमुनोत्री क्षेत्र में सुबह से हल्की बूंदाबांदी के बाद बादलों के बीच ध़ुंधली धूप ने दर्शन दिए, लेकिन ठंड बरकरार है। रुद्रप्रयाग जनपद में सुबह से हल्की बारिश हो रही है। चमोली में निचली चोटियों ने भी बर्फ की सफेद चादर ओढ़ी ली है। यहां अभी बारिश थमी नहीं है। वहीं नदी घाटी में सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा।श्रीनगर में सुबह 6 बजे से रुक-रुक कर बारिश जारी है। उधर, कुमाऊं के भवाली में भी सुबह झमाझम बारिश हुई।

आज हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है

वहीं प्रदेश के कुछ इलाकों में आज हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने ज्यादातर क्षेत्रों में बादल छाए रहने और बारिश का अनुमान जताते हुए एहतिहात बरतने के निर्देश जारी किए हैं। मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि गरज और चमक के साथ अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हो सकती है।

अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के कई इलाकों में बादल छाए रहे सकते हैं। जबकि बुधवार को राजधानी समेत आसपास के क्षेत्रों में सुबह से बादल छाए रहे। दिनभर शहर में तीन से चार दौर की बारिश हुई। दोपहर के समय एक बार करीब पांच मिनट तक तेज बौछारें भी पड़ी। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली।

चारों धामों में हिमपात, निचले इलाकों में बारिश

पहाड़ में मौसम का मिजाज बदलने से ठंड फिर लौट आई है। बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब सहित ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है। मौसम खराब होने से केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में बर्फ हटाने का काम भी प्रभावित हुआ है। बद्रीनाथ में मंदिर के परिक्रमा स्थल में अभी भी करीब पांच फीट तक बर्फ जमी है, जबकि केदारनाथ में छह फीट तक बर्फ है।

केदारनाथ में बुधवार तड़के से शुरू हुआ हल्की बर्फबारी का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। धाम में करीब छह फीट तक बर्फ जमी है। ऊपरी क्षेत्रों में देर शाम तक मौसम खराब था, जबकि रुद्रप्रयाग सहित निचले इलाकों में झमाझम बारिश हुई, जिससे ठंड लौट आई है। द्वितीय केदार और तृतीय केदार सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हिमपात हुआ है।

बद्रीनाथ मंदिर के परिक्रमा स्थल में करीब पांच फीट तक बर्फ जमी

चमोली जिले में बुधवार को सुबह से ही बारिश होती रही। बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब, रुद्रनाथ, लाल माटी, फूलों की घाटी, घांघरिया, गोरसों बुग्याल, नंदा घुंघटी के साथ ही नीती और माणा घाटी में रुक-रुककर बर्फबारी होती रही, जबकि नदी घाटी क्षेत्रों में बारिश हुई। मौसम खराब होने से बद्रीनाथ धाम में चल रही तीर्थयात्रा की तैयारियां भी प्रभावित हुई हैं। बद्रीनाथ मंदिर के परिक्रमा स्थल में करीब पांच फीट तक बर्फ जमी है। बुधवार को दिनभर मौसम खराब रहने से बर्फ हटाने का काम नहीं हो पाया। मौसम ठंडा होने से लोगों को फिर गरम कपड़े बाहर निकालने पड़े हैं।

उत्तरकाशी जिले के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार को शुरू हुआ रिमझिम बारिश का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम समेत समुद्र सतह से तीन हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई, जिससे वहां पारा शून्य से नीचे दर्ज किया गया। यमुनोत्री धाम में बर्फबारी के चलते पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हुए हैं।

लोगों ने गर्म कपड़े फिर से निकाले

देवाल के रूपकुंड, ब्रह्मताल, भींकलताल बुग्याल सहित कई स्थानों पर रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी से निचले क्षेत्रों के तापमान में गिरावट आई है। कर्णप्रयाग, गौचर, नारायणबगड़, थराली, आदिबदरी और गैरसैंण क्षेत्रों में भी बारिश हुई, जिससे ठंड बढ़ गई है।

जिला मुख्यालय पौड़ी व आसपास के क्षेत्रों में बुधवार सुबह से ही बादल छाए रहे। दोपहर बाद मुख्यालय व आसपास तेज बारिश के साथ हवा चलने से ठंडक ने दस्तक दे दी है। लोगों ने गर्म कपड़े फिर से निकाल लिए हैं। टिहरी जिले में बुधवार को भी सुबह से बारिश का सिलसिला जारी रहा। दिन में कई बार तेज हवाएं भी चलती रहीं। बारिश के बाद ठंड बढ़ने से लोगों को फिर गर्म कपड़े बाहर निकालने पड़े।

उत्तरकाशी की निचली घाटियों में बारिश के चलते तापमान में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। बीते दिनों यहां तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था, जबकि बुधवार को जिला मुख्यालय समेत निचले इलाकों में अधिकतम तापमान 14 डिग्री और न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम में आए इस बदलाव के चलते जिले में फिर से ठिठुरन लौट आने से लोग ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों का सहारा लेने को मजबूर हैं।

ओलावृष्टि हुई तो चौपट हो जाएगी गेहूं की फसल

पोखरी में इन दिनों खेतों में गेहूं की फसल पककर तैयार है। इस बार बारिश अच्छी होने से गेहूं की फसल भी अच्छी हुई है, लेकिन अब ग्रामीणों को डर है कि ओलावृष्टि हुई तो सालभर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। काश्तकार कमल सिंह और पुष्कर का कहना है कि अप्रैल माह के शुरुआत में हुई ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ। अब फसल पूरी तरह से पककर तैयार है, यदि अब ओलावृष्टि हुई तो फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी।

असमय बारिश से किसानों को नुकसान 
बारिश से कुमाऊं में पहाड़ के कई इलाकों में जनजीवन अस्तव्यस्त रहा। मुनस्यारी में हंसलिंग, राजरंभा, पंचाचूली और नाग्निधुरा चोटियों में बर्फबारी हुई। मुनस्यारी के साथ ही नाचनी, डीडीहाट, अस्कोट, धारचूला में हल्की बारिश हुई। पिछले 24 घंटे में डीडीहाट में एक, धारचूला में 4.5 और धारचूला में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई।

सीमांत जिले में असमय हो रही बारिश से काफी नुकसान पहुंच रहा है। मुवानी, नाचनी, अस्कोट, बगड़, तीतरी, झूलाघाट आदि जगहों पर गेहूं की कटी हुई बालियां काली पड़ गई हैं। अल्मोड़ा में बारिश से तापमान भी घटकर 16 डिग्री पहुंच गया है। जिले में पिछले 24 घंटे में 2.2 एमएम बारिश हो चुकी है। बागेश्वर के रवाईखाल, बमराड़ी, बुड़गढ़ और फटगली सहित अन्य गांवों में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। बारिश का पानी घरों में घुस गया। आधे घंटे हुई मूसलाधार बारिश से नाले उफना गए। प्रशासन ने भी दो दिन के लिए अलर्ट जारी किया है।  इधर, गदरपुर में रिमझिम बारिश ने गेहूं की कटाई पर ब्रेक लगा दिया है। बाजपुर में भी बुधवार की सुबह हल्की बारिश होने से गेहूं की कटी हुई फसल भीग गई है। वहीं, आलू की फसल के लिए इस बारिश को अच्छा माना जा रहा है।