देहरादून : प्रदेश के स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज कर्मचारी राज्य बीमा निगम में पंजीयन कराने से छूट नहीं पाएंगे। पंजीकरण नहीं कराने पर इनको राज्य सरकार अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं देगी। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी है।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय बैठक शुक्रवार को हरिद्वार बाईपास स्थित एक होटल में हुई। बैठक में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज में 10 से ज्यादा कर्मी काम करते हैं, लेकिन वे कभी भी ईएसआइसी में पंजीयन नहीं कराते हैं। इससे स्कूल, कॉलेज में कार्यरत कर्मी ईएसआइसी सुविधा से वंचित रहते हैं। उन्होंने कहा कि अब हर स्कूल, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज को ईएसआइसी में पंजीयन कराना जरूरी है। यदि कोई संस्थान नहीं कराता है तो स्कूल को राज्य सरकार से मिलने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। इतना ही इस प्रस्ताव को लेकर इनको मान्यता देने वाले उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आइसीएसई बोर्ड, एआइसीटीई, एमसीआइ के पास भी जाएंगे। इससे यदि पंजीयन नहीं कराते हैं तो इन्हें मान्यता नहीं मिलेगी। मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि प्रस्ताव मंजूर होने के साथ ही आज से ये नियम लागू होगा। चाहे एक साल हो या 100 साल पुराने स्कूल, कॉलेज सभी को ईएसआइसी में पंजीयन कराना होगा। इस प्रस्ताव पर बोर्ड ने भी मुहर लगा दी है।
आउटसोर्सिग वाली कंपनी का भी ईएसआइसी में पंजीयन जरूरी: श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकारी विभागों या कहीं भी आउटसोर्स कर्मचारी देने वाली संस्थाओं को ईएसआइसी में पंजीयन कराना जरूरी होगा। निविदा की शर्तो में ही इसे अनिवार्य किया जाएगा। यदि कोई पंजीयन नहीं कराता है तो उसको निविदा में मान्य नहीं किया जाएगा।
अफसरों के विवाद पर मंच पर नहीं लाने की दी सलाह
क्षेत्रीय निदेशक मुहम्मद इरफान ने शासन स्तर पर अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने श्रम मंत्री हरक सिंह से मामले में कार्रवाई की मांग की। इस पर श्रम मंत्री रावत ने कहा कि शासन से भी ईएसआईसी के अधिकारियों की शिकायत मिली हैं इसको सार्वजनिक मंच पर उठाना सही नहीं है। जल्द ही दोनों को बुलाकर वार्ता की जाएगी।