नियोजन विभाग के मुताबिक प्रदेश में राज्य गठन के बाद से पलायन का स्वरूप बदला है। अब गांव के लोग रोजगार और बेहतर शिक्षा की तलाश में गांव से उठकर सीधे प्रदेश के बड़े शहरों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे खासकर देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर पर दबाव तेजी से बढ़ रहा है। इस तरह के पलायन को रोकने के लिए ही सेटेलाइट टाउन विकसित करने का सुझाव दिया गया है।
नियोजन विभाग ने ऐसे 31 कस्बों को चिह्नित भी किया है। ये वो कस्बे हैं जिनकी ओर लोग ग्रामीण क्षेत्रों से रुख कर रहे हैं। इस वजह से इन कस्बों का विकास अनियोजित रूप से हो रहा है। कोशिश यह होगी कि इन कस्बों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए जाएं, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को आसपास उपलब्ध कच्चे माल के आधार पर शुरू किया जाए।
साथ ही इन क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और आसपास और नजदीक के शहर से बढ़िया सड़क संपर्क दिया जाए। इन कस्बों में शिक्षा और स्वास्थ्य पर खास ध्यान देने और पर्यटन को विकसित करने पर भी जोर दिया गया है।