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उत्तराखण्ड- गर्मी बढ़ते ही प्रदेश में बढ़ रही हैं डूबने की घटनाएं, अब गोमती नदी में नहाने गए दो किशोरों की डूबकर मौत…

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प्रतीकात्मक तस्वीर

देश के कई शहरों में पड़ रही भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए लोग इन-दिनों उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों का रूख कर रहे हैं, और यहां नदियों तालाबों के पास पहुंच रहे हैं जिससे डूबने की घटनाएं भी बढती जा रही हैं। लापरवाही व नदी की गहराई की जानकारी न होने से कई घरों के चिराग बुझ रहे हैं। अब एक घटना बागेश्वर के बैजनाथ थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां गोमती नदी में नहाने गए दो किशोरों की डूबने से मौत हो गई। सूचना मिलने पर ग्रामीण नदी में पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद उन्हें नदी से निकाला, परंतु तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।

फल्यांटी गांव में बुधवार की शाम गांव के चार किशोर घर से घूमने के लिए निकले थे। चारों गोमती नदी में दिल्ली-रौ नामक स्थान पर तैराकी करने लगे। इस बीच मूल निवासी फल्यांटी गांव और हाल निवासी दिल्ली लक्की नेगी (14)पुत्र हरीश नेगी नदी में गहरे पानी में फंस गया। उसे डूबता देख कश्यप नेगी (17)पुत्र मोहन सिंह नेगी भी उसे बचाने पहुंचा, लेकिन वह भी डूबने लगा। जिसके बाद अन्य दो साथियों ने शोर मचाया और ग्रामीणों को खबर की। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद दोनों किशोरों को बाहर निकाल, पर तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।

प्रदेश में अब तक डूबने से मौत की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, विदयालयों में ग्रीष्मावकाश होने के बाद अधिकांश लोग अपने मूल घरों में आते हैं। इसके अलावा मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले परिवार भी पहाड़ में अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंच जाते हैं। बाहर से आए बच्चे अपनी हमउम्र के बच्चों के साथ घुलमिल जाते हैं तथा यहीं के बच्चों के साथ नजदीकी नदियों में चले जाते हैं। ऐसे में डूबने की घटनाओं की संख्या बढ़ जाती हैं। अभिभावक भी अवकाश के दिनों में बच्चों की पढाई के टाइम टेबल के बजाय उनके खेलने कूदने में उन्हें स्वतंत्रता दे देते हैं। जिसमें जरा सी सावधानी हटने पर बच्चों को जान से हाथ धोना पड़ता है।