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उत्तराखंड के किसानों के लिए अच्छी खबर, 10 लाख किसानों को बड़ी राहत जानिए पूरी योजना..

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एपीएमसी एक्ट खत्म कर केंद्र का एपीएलएम मॉडल एक्ट को अपनाने की तैयारी,मॉडल एक्ट से फल-सब्जी के कारोबार पर नहीं लगेगा मंडी शुल्क
मंडी में आने की नहीं रहेगी बाध्यता, कहीं भी उत्पाद बेच सकेंगे किसान.प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र का एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइवस्टॉक मार्केटिंग (एपीएलएम) मॉडल एक्ट अपनाकर प्रदेश सरकार किसानों को मार्केटिंग में बड़ी राहत देने जा रही है। इसके लिए उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन) अधिनियम (एपीएमसी एक्ट) को समाप्त किया जा सकता है।

शासन ने विभाग से प्रस्ताव मांगा है। इस पर कृषि विभाग और उत्तराखंड कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड का मद आने पर निर्णय लिया जाएगा। मॉडल एक्ट लागू होने से फल-सब्जी उत्पादों पर मंडी शुल्क नहीं लगेगा। वहीं, किसान अपना उत्पाद कहीं भी बेच सकेंगे। इसके लिए मंडी आने की बाध्यता नहीं रहेगी। प्रदेश में करीब 10 लाख किसान हैं।

केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में एपीएलएम मॉडल एक्ट लागू किया था। केंद्र ने सभी राज्यों को मॉडल एक्ट अपनाकर लागू करने के निर्देश दिए थे। केंद्र के मॉडल एक्ट के अनुसार फल व सब्जी पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही निजी मंडी, ई-नेम, कांट्रेक्ट फार्मिंग, एकल लाइसेंस व्यवस्था समेत अन्य प्रावधान किए गए हैं।

उत्तराखंड ने इनमें से कई प्रावधानों को लागू कर दिया है, लेकिन फल व सब्जी पर मंडी शुल्क खत्म नहीं किया है। क्योंकि मंडी शुल्क ही कृषि उत्पादन मंडी समितियों की आय का सबसे बड़ा स्रोत है। मॉडल एक्ट के अनुसार मंडी समितियां यार्ड से बाहर किसी भी उत्पाद के कारोबार पर मंडी शुल्क नहीं ले सकती हैं।
देहरादून मंडी समिति का अधिसूचित क्षेत्र वर्तमान में डोईवाला से मसूरी तक है। यदि इस क्षेत्र में कोई भी व्यापारी किसानों का उत्पाद खरीदता है तो उसे मंडी शुल्क देना पड़ता है। मॉडल एक्ट के मुताबिक किसान प्रदेश में कहीं भी कृषि उत्पाद को बेच सकेंगे। वहीं, एक ही लाइसेंस पर व्यापारी प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में कारोबार कर सकते हैं।केंद्र के एपीएलएम मॉडल एक्ट पर विचार कर रहे हैं। किस हद तक इस एक्ट को अपनाया जा सकता है, इस पर विभाग प्रस्ताव तैयार कर अपना मद देंगे। उसके बाद ही शासन की ओर से इस पर निर्णय लिया जाएगा।