
उत्तराखण्ड में बुधवार को आफत की बारिश तो थम गई, लेकिन आपदा के जख्म अब भी रिस रहे हैं। आपदा से प्रदेश में अब तक 64 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी आज आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। जिसके बाद उन्होंने जौलीग्रांट एयरपोर्ट स्थित राज्य अतिथि गृह में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केन्द्र सरकार उत्तराखण्ड के साथ खड़ी है, देवभूमि वासियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं और आगे भी करेंगे। बहुत जल्द यहां की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर दी जायेंगी।
मीडिया से मुखातिब होते हुए गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 घंटे पहले उत्तराखंड में आपदा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। अधिकांश मोबाइल यूजर को समय पर मैसेज भी भेजे गए थे। जिसका परिणाम यह रहा कि इस भीषण आपदा में कम से कम जान माल का नुकसान हुआ। सरकार ने 24 घंटे पहले ही चार धाम यात्रा को रोक दिया था। जिसके परिणाम स्वरूप चारधाम यात्रा पर किसी भी तरह की आंच नहीं आई और अब यात्रा को शुरू भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा के तत्काल बाद केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां सक्रिय हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, एसडीआरएफ, पुलिस तथा दमकल दस्तों को समय रहते आपदा राहत कार्यों में लगा दिया गया। जिससे सरकार साढ़े तीन हजार नागरिकों को रेस्क्यू करने में सफल रही। इतना ही नहीं 16 हजार से अधिक नागरिकों को सरकार ने सुरक्षित भी किया। उन्होंने कहा कि नैनीताल हल्द्वानी तथा अल्मोड़ा की तीन सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कों पर आवाजाही शुरू कर दी गई है।
गृहमंत्री ने बताया कि कुछ स्थानों पर सड़कें 25 मीटर से अधिक क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिन्हें तैयार करने में कुछ वक्त लग सकता है। सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी बहाल कर दिया गया है। कहा कि केंद्र सरकार ने आपदा राहत के लिए ढाई सौ करोड रुपये उत्तराखंड को दे दिए हैं। राज्य सरकार अपने खजाने से भी आपदा राहत में खर्च कर रही है। इसके अलावा भारत सरकार के संयुक्त सचिव की देख-रेख में उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कराया जा रहा है। यदि आपदा राहत में और धन की जरूरत होगी तो केंद्र सरकार पूरी मदद करेगी।