नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है।विरोध प्रदर्शऩ के बीच कल दिल्ली में मेट्रो का संचालन भी कुछ घंटों के लिए रोकना पड़ा। हिंसा और आगजनी की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने कई राज्यों में इंटरनेट सेवाओँ को भी रोका, इस विरोध प्रदर्शऩ का देश के यातायात पर खासा असर पड़ा है, कई ट्रेनें भी रद्द करनी पड़ी हैं। इस विरोध प्रदर्शऩ की आड़ में कुछ अराजक तत्व सड़कों पर उतर आए हैं, और आगजनी व पुलिस के साथ मारपीट की घटनाओं को अंजाम देते हुए भीड़ को भड़काने का काम कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा कल्याण परिषद के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने हिंसक व आगजनी की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि भारत को पाकिस्तान बनाने का स्वप्न देखने वाले सारे लड़ाके सड़कों पर उतर आए हैं।याकूब मेनन जैसे आतंकियों की फाँसी का विरोध करने वाले, उसे मसीहा बताने वाले, जिन्ना को आदर्श मानने वाले आतंकी सड़कों पर आग लगा रहे हैं।साथ ही कहा कि यदि आपको लगता है कि सड़कों पर आग लगाती, पत्थर चलाती आतंकी भीड़ नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उतरी है, तो आप बहुत मासूम हैं, यह भीड़ देश को चुनौती दे रही है कि “देखो! हम इस देश को जला देंगे,और तुम कुछ नहीं कर पाओगे।”
उन्होंने कहा हम सभी जानते हैं कि नागरिकता संशोधन कानून से किसी भारतीय को कोई नुकसान नहीं है। देश के पच्चीस करोड़ कथित अल्पसंख्यकों को न कोई हटा रहा है, न ही हटा सकता है। इनकी नागरिकता पर कोई खतरा न था, न है, न होगा।फिर भी ये देश को जला रहे हैं, क्योंकि इनका लक्ष्य ही है भारत को जला देना है।
नागरिकता संशोधन कानून केवल और केवल 2014 के पूर्व भारत आये शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात करता है, किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रश्न ही नहीं है। फिर भी देश के कुछ बुद्धिजीवी यदि जानबूझ कर देश के अल्पसंख्यकों को भड़का रहे हैं और उन्हें आग लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, तो समझिए कि षड्यंत्र कितना बड़ा है।
ललित जोशी ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि आज देश के साथ खड़े होने का समय है, समय अपनी सरकार के साथ खड़े होने का है। उठिए बोल सकते हैं तो बोलिये, लिख सकते हैं तो लिखिये, कह सकते हैं तो कहिये यह देश गिनती के बीस हजार बुद्धिभोजियों का ही नहीं है, हम एक अरब आम लोगों का भी है।उन्होंने कहा हम नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करते हैं, क्योंकि हम देश और संविधान के समर्थन में है।