एनआईटी से पौड़ी के वर्णित ने सिविल इंजीनियरिंग की। उसके बाद पावरग्रिड में शानदार पैकेज पर नौकरी मिली। लेकिन, आईएएस बनने की जिद में वर्णित ने इस नौकरी को ही छोड़ दिया। उसके बाद लगन से तैयारी की। तीसरे प्रयास में उसने पूरे देश में 13वीं रैंक हासिल कर कीर्तिमान रच दिया। उसने साबित कर दिया कि मेहनत और जज्बे के आगे सभी चुनौतियां बौनी हैं।
मूलरूप से पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित किमसार गांव के वर्णित नेगी को यह सफ लता तीसरे प्रयास में मिली है। उनका कहना है यदि आप ईमानदारी से प्रयास करते हैं तो सफलता निश्चित है। वर्णित के पिता देवेंद्र सिंह नेगी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में हाईस्कूल परसदा के प्रधानाचार्य हैं। मां डॉ. सीमा नेगी बिलासपुर महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। बड़े भाई डॉ. अंकित नेगी बीएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट हैं।
वर्णित के एक चाचा एनएस नेगी ऊर्जा निगम सिडकुल, हरिद्वार में सहायक अभियंता (मीटर) के पद पर तैनात हैं। दूसरे चाचा एसएस नेगी उत्तराखंड पुलिस में रेडियो निरीक्षक हैं और इस समय हरिद्वार में तैनात हैं। ऋषिकेश निवासी चाचा एनएस नेगी ने बताया कि वर्णित के पिता ने रुड़की विवि (अब आईआईटी) से फिजिक्स में पीजी की परीक्षा पास की थी। उनका सपना आईएएस बनने का था। लेकिन, नहीं बन पाए थे। अब बेटे ने उनका सपना पूरा कर दिया है।
एक आईएएस के साथ काम कर मिली प्रेरणा
वर्णित ने छत्तीसगढ़ के जसपुर से शुरुआती शिक्षा लेने के बाद बिलासपुर डीएवी कॉलेज से पढ़ाई की। उसके बाद कोटा से 11वीं और 12वीं पास की। इंजीनियरिंग करने के लिए एनआईटी सूरतकल में दाखिला लिया।
वहां से वर्ष 2014 में बीटेक की। उसके बाद पावरग्रिड कारपोरेशन में नौकरी मिली। करीब डेढ़ साल नौकरी करने के बाद वर्णित ने इस्तीफा दे दिया। इंजीनियरिंग के दौरान राजस्थान के धौलपुर में एक आईएएस अधिकारी के साथ काम करने के बाद उन्होंने मन में आईएएस बनने की ठान ली थी।
लिहाजा, मार्च 2016 से सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी थी। पहले प्रयास में वर्णित को यह सफलता नहीं मिली। दूसरे प्रयास में उन्होंने 504वीं रैंक हासिल की। उनका चयन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में बतौर असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर हुआ। लेकिन, आईएएस बनने की जिद ने उनका हौसला बनाए रखा। तीसरी बार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और देश में 13वीं रैंक हासिल की।
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अहम है लक्ष्य
मन से डर निकाल दो और शुरू हो जाओ। कामयाबी निश्चित तौर पर आपके कदम चूमेगी। कुछ ऐसा ही जज्बा है सिविल सेवा परीक्षा में देश में 13वीं रैंक हासिल करने वाले वर्णित नेगी का। वर्णित ने अमर उजाला के साथ अपनी सफलता के कुछ टिप्स साझा किए।
वर्णित ने बताया कि पहले उन्हें भी लगता था कि जो युवा इतनी अच्छी रैंक लाते हैं। वह लाखों में से 100 ही होते होंगे। वह यह सब कैसे कर पाते होंगे? लेकिन जब उनके बीच के एक सीनियर ने गत वर्ष 98वीं रैंक हासिल की तो वर्णित का हौसला बढ़ गया और उसका डर भी खत्म हो गया।
उन्हें विश्वास हो गया कि वह भी इसे कर सकते हैं और कर दिखाया। वर्णित का कहना है सिविल सेवा परीक्षा के लिए आपके भीतर यही विश्वास होना चाहिए। दूसरी बात यह है कि हमेशा इस परीक्षा की तैयारी में पूरी परीक्षा पास करने का लक्ष्य होना चाहिए।
सामान्य ज्ञान को जानते रहें और विश्लेषण भी करें
वर्णित नेगी ने बताया कि करेंट अफेयर्स को केवल जानना पर्याप्त नहीं है। जो भी देश-दुनिया में घटित हो रहा है, उसके प्रति जागरुक रहने के साथ ही उसका विश्लेषण करना भी बेहद जरूरी है। प्रत्येक सिक्के के दो पहलू होते हैं। इसलिए उस घटना को लेकर भी अपना विचार बनाएंगे तो आपके भीतर एक नई काबिलियत पैदा होगी। निश्चित तौर पर विश्लेषण की यह क्षमता आपके इंटरव्यू में बेहद कारगर साबित होगी।