उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रश्नपत्रों में बड़ा बदलाव किया है। प्रश्नपत्रों में अब केवल दीर्घ और लघु उत्तरीय प्रश्न ही होंगे। विद्या परिषद ने बहु विकल्पीय प्रश्नों को हटाने की मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय में परंपरागत पद्धति के पाठ्यक्रमों को संचालित करने, कुछ नए डिप्लोमा व प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों को शुरू करने की स्वीकृति भी दी गई है।
विश्वविद्यालय के सभागार में सोमवार को विद्या परिषद की 15वीं बैठक हुई। 30 मई 2019 को हुई प्रवेश समिति की बैठक में लिए गए निर्णयों पर भी परिषद ने अपनी मुहर लगा दी। बताया गया कि बीए एकल विषय पुन: शुरू करने के लिए यूजीसी को प्रस्ताव भेजा जाएगा। नार्थ एक्रिडएशन कमीशन यूएसए द्वारा दिए जाने वाले हाईस्कूल डिप्लोमा को विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता दी गई है।
अध्यक्ष की ओर से रखे गए अतिरिक्त प्रस्तावों में वाह्य शोधार्थियों की शोध परियोजनाओं को मुक्त विश्वविद्यालय के माध्यम से संचालित करने एवं इसके लिए प्रक्रिया निर्धारित करने की संस्तुति की गई। व्यावसायिक अध्ययन विद्याशाखा द्वारा कौशल विकास के लिए चार नए डिप्लोमा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति दी गई। विधि विद्याशाखा के अंतर्गत बैंकिंग एंड इंश्योरेंस लॉ एवं हयूमन राइट्स प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम संचालन की भी अनुमति दी।