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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया पहुंचे उत्तरकाशी के सीमांत गांव धराली, सिंधिया परिवार का उत्तराखण्ड़ से बतााया पुराना रिश्ता….

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केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया मंगलवार को जनपद उत्तरकाशी के सीमांत गांव धराली पहुंचे। केंद्रीय मंत्री ने कल्पकेदार एवं गंगा मैया की पूजा अर्चना कर मां गंगा व भगवान कल्पकेदार का आशीर्वाद लिया। तथा देश प्रदेश की ख़ुशहाली की कामना की। उसके उपरांत केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य विभाग,समाज कल्याण,उद्योग, वन,कृषि,उद्यान,आजीविका,जल संस्थान आदि विभागों द्वारा स्थापित विभागीय स्टालों का अवलोकन किया। तथा भारत सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय योजनाओं उज्जवला गैस योजना,हर घर नल योजना,पेंशन योजना समेत अन्य योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों एवं ग्रामीणों के साथ चर्चा की।

 

केंद्रीय मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड स्वर्ग जैसा राज्य माना जाता है। यहां माँ गंगा का उद्गम स्थल के साथ ही पर्यावरण के चारों ओर हरियाली, हिमालय शिखर विराजमान है। यहां की हवा की पवित्रता का एहसास देश के किसी कौने में देखने को नही मिलेगा। उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार का भी उत्तराखंड से बहुत प्राचीन एवं पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने 1803 में का जिक्र करते हुए उत्तराखंड से सिंधिया परिवार का नाता रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद जो मान, सम्मान और पहचान देश के सीमावर्ती के आखिरी गांव को दी गई है। वह पहचान देश के प्रधानमंत्री जी ने वाइब्रेट विलेज के रूप के दी है। जिसमें धराली गांव भी वाइब्रेट गांव का भाग है। उन्होंने कहा कि लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के सभी सीमावर्ती गांव की पहचान कर इस योजना में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा भारत सरकार के एक- एक मंत्रियों को इन गांवों में भेजा जा रहा है। ताकि असली विकास की प्रगति की समीक्षा कर ग्रामीणों के साथ मिलकर उनकी आशाओं,अभिलाषाओं और आकांक्षाओं को सुनकर उन पर क्रियान्वयन कर सकें।

 

केंद्रीय मंत्री ने स्वयं सहायता समूह धराली गांव की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारी मातृ शक्ति ने उत्कृष्ट उत्पादों की पैकेजिंग औऱ मार्केटिंग की है। अलग-अलग तरीके से विभिन्न उत्पाद बनाएं जा रहें है। तथा अपनी आजीविका को मजबूत करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश वर्ष 2013 में आर्थिक महाशक्ति के रूप में ग्यारवें स्थान पर था। 9 साल के भीतर प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश आज आर्थिक महाशक्ति के रूप में पांचवे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की सोच एवं समग्र विकास,समावेशी औऱ सर्वागीण विकास की विचारधारा के आधार पर भारत वर्ष 2030 तक आर्थिक महाशक्ति के रूप में तीन नम्बर पर अपना प्रमाण बनाएगा।

 

ग्रामीणों के साथ चर्चा के बाद केंद्रीय मंत्री ने जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर नल योजना का मुखबा गांव में स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया। केंद्रीय मंत्री ने झाला में कोल्ड स्टोर एवं फूड प्रोसेसिंग यूनिट का भी निरीक्षण किया। इस अवसर पर गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल ने मुखबा-जांगला मोटर मार्ग निर्माण एवं गंगोत्री में भूमि सेटेलमेंट करवाने की मांग की।

 

इस दौरान ब्लाक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत ने विभिन्न मांगे केंद्रीय मंत्री के सम्मुख रखी। जिसमें सीमांत भटवाड़ी विकास खण्ड के उपला टकनौर क्षेत्र को वाइब्रेंट ब्लेज में संपूर्ण गांव सम्मिलित किए जाए। सूक्की बाईपास को न ले जाकर राष्ट्रीय राजमार्ग को यथावत रखा जाए।उपला टकनौर क्षेत्र को फल पट्टी के रूप में विकसित किया जाए।यात्रा काल की दृष्टि से 12 महीने सड़क मार्ग सुव्यवस्थित कराई जाए।कृषकों हेतु छोटे-छोटे सेब ढुलान हेतु रोपवे लगाए जाए। पर्यटक की दृष्टि से अपार संभावनाओं को देखते हुए कंडारा बुग्याल, अवाना बुग्याल, सातताल, ब्रह्मी ताल सूक्की टोप हर्षिल से हिमाचल ट्रेकरूट एवं केदारकांठा केदार ट्रेकरूट अन्य ट्रेकरूट पर्यटक के रूप में विकसित किया जाए।शिक्षा के क्षेत्र में अटल आदर्श विद्यालय खोला जाए। बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट के तहत रोजगार पर योजनाओं के साथ-साथ बाहरी देशएवं प्रदेशों में स्थानीय शिक्षित बेरोजगारों को प्रशिक्षण हेतु भेजा जाए।हर्षिल क्षेत्र को सेना में अधिग्रहण करने से पहले स्थानीय हक एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठकर अधिग्रहण कराया जाए।

 

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक टकनौर के वीर सिंह भवन का सौंदर्यीकरण कराया जाए। टकनौर की संस्कृति एवं पहनाओ को राजस्थान के तर्ज पर भारतवर्ष में स्थान दिया जाए। गंगोत्री के पुजारियों एवं ब्राह्मण समाज की भूमि को सेटलमेंट करवाया जाए। स्थानीय उत्पाद जैसे राजमा, सेब, चोलाई को देश विदेश में निर्यात किया जाए।स्वास्थ्य की दृष्टि से महिला चिकित्सक एवं अन्य व्यवस्था कराए जाएं। गंगा के मायके ग्राम मुखवा में मंदिर के चारों तरफ प्रांगण को विस्तृत विस्तार करवाया जाए।पौराणिक मेले सेल्कू मेले को उत्तराखंड राज्य मेला में घोषित कर प्रत्येक वर्ष सेल्कू मेले के लिए 25लाख रुपए स्वीकृत किया जाय।