प्रदेश में सहकारिता विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की शुरूआत हो गई है। देहरादून के बन्नू स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह, सहकारिता मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने योजना का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर राज्य समस्त 670 बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (एमपैक्स) का कम्प्यूटरीकरण किया भी विधिवत रूप से पूर्ण किया गया। साथ ही सहकारिता ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया गया।
जानिए क्या है घस्यारी कल्याण योजना- पर्वतीय महिलाओं की कार्य बोझ से मुक्ति एवं पशुओं हेतु पौष्टिक आहार उपलब्ध कर पशुपालन गतिविधि को एक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का क्रियान्वयन उत्तराखंड राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अंतर्गत किया गया है। उत्तराखंड राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना अंतर्गत साइलेज फेडरेशन के माध्यम से संयुक्त सामूहिक खेती के अंतर्गत मक्का की मूल्यवृद्धि श्रंखला जनपद देहरादून की सहकारी समितियों से जुड़े 1 हजार कृषकों की 1000 एकड़ भूमि पर 10000 मीट्रिक टन हरे मक्का का उत्पादन किया गया है जिससे हरा मक्का उत्पादन करने वाले कृषकों को 2 करोड रुपए का भुगतान वर्ष 2021-22 में किया गया है।, परियोजना द्वारा साइलेज फेडरेशन एवं कारपोरेट पार्टनर के साथ कोऑपरेटिव कारपोरेट पार्टनरशिप मॉडल विकसित किया गया है जिसका मुख्य लक्ष्य सामूहिक खेती के माध्यम से किसानों को बेहतर मूल्य प्रदान करना है एवं पहाड़ी जनपदों में चारा लाने के दौरान महिलाओं की दुर्घटनाओं के साथ-साथ कार्यबोझ में कमी कर राज्य में गुणवत्ता एवं पौष्टिक चारा उपलब्ध कराना है।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं प्रस्तावित योजना में राज्य में कृषक लाभार्थियों पशुपालकों को साइलेज डी एम आर चारा ब्लॉक रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाना है इस योजना के तहत लगभग 2000 से अधिक कृषक परिवारों को उनकी 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ा गया है वित्तीय वर्ष 2021 22 के दौरान साइलेज एवं टीएमआर हेतु प्रतिवर्ष 10,000 मीट्रिक टन उत्पादन और आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है प्रस्तावित योजना में रियायती दरों पर किसानों को साइलेज एवं टीएमआर की आपूर्ति हेतु राज्य सरकार की ओर से 50% अनुदान की व्यवस्था की गई है। इस योजना के तहत एक ओर जहां मक्का उत्पादक किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाए जाने की व्यवस्था की गई है उसके साथ ही राज्य अंतर्गत श्री संपूर्ण मूल्य श्रंखला स्थापित कर पशुपालकों को गुणवत्ता युक्त साइलेज टीएमआर उपलब्ध होगा एवं पर्वती महिलाओं के कंधों से घास के गट्ठर का बोझ भी उतरा जा सकेगा।
योजना का उद्देश्य- पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं के कार्य बोझ को कम करना। चारा लाने के दौरान जंगली जानवरों से संभावित जोखिम एवं दुर्घटनाओं को नियंत्रित करना। फसल अवशेषों और चारे का वैज्ञानिक संरक्षण करना एवं पौष्टिक चारे की कमी को दूर करना। पौष्टिक आहार द्वारा पशु स्वास्थ्य में सुधार लाना एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि कर किसानों की आय में वृद्धि। परियोजना के माध्यम से किसानों को कृषि बीज खाद हेतु ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है एवं उत्पादित मक्के की खरीद सहकारिता के माध्यम से सुनिश्चित की जा रही है अतः किसानों को उचित मूल्य प्राप्त हेतु बाजार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।
क्रियान्वयन-सायलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ लिमिटेड देहरादून राज्य में एक पंजीकृत सहकारी संस्थान है जो कि राज्य हित की इस महत्वाकांक्षी एवं कल्याणकारी परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। साईफेड का उद्देश्य राज्य के लक्षित लाभार्थी परिवारों दुग्ध सहकारिता ओं, पी. डी. एस. विक्रय केन्द्रों को विकसित कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से लक्षित परिवारों तक पर योजना का लाभ पहुंचाना है। प्रथम चरण में जनपद पौड़ी रुद्रप्रयाग अल्मोड़ा एवं चंपावत में 50 सहकारी समितियों के माध्यम से 50 सायलेज विपणन केन्द्रों की स्थापना की गई है।