वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देहरादून जनपद के 5 गांवों के विकास में सहयोगी बनेगा। गांव का विकास उत्तर भारत अभियान के तहत किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. पी. ध्यानी एवं देहरादून जनपद के जिलाधिकारी के अनुमोदन के उपरांत सिंहनीवाला गांव के साथ-साथ इस अभियान में धूलकोट, चक्र मनशाह, रूद्रपुर और भोपालपानी गांवों को सम्मिलित किया गया है।
उत्तर भारत अभियान केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय की योजना है। इस योजना में उच्च शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण विकास में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन संस्थाओं के शिक्षक और छात्र ग्रामीण जीवन से जुड़ी मूल समस्याओं के समाधान सुझाने का प्रयास करते हैं। ग्रामीणों स्वयंसेवी संगठनों और पंचायती राज संस्थानों के साथ मिलकर उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग के माध्यम से आजीविका के अवसरों में बुद्धि और ग्रामीण अंचलों की समस्याओं का निराकरण इस योजना के प्रमुख लक्ष्य हैं।
वीर माधव सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से पहले भी इस दिशा में कार्य किए गए हैं। वर्ष 2017 में सनी वाला गांव को गोलिया गया था इस गांव में ग्रामीणों के लिए समय-समय पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं। ग्रामीण आजीविका को ध्यान में रखते हुए एक सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना गांव के बोक्सा जनजातीय किसान इंटर कॉलेज में की जा रही है।
कुलपति डॉ. पी. पी. ध्यानी व्यक्तिगत रूप से इन कार्यक्रमों की समीक्षा करते रहे हैं, विगत अप्रैल माह में ग्रामीणों के साथ उन्होंने जन संपर्क करके गांव के उपलब्ध संसाधनों और अवसरों का जायजा लिया था माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय का उद्घाटन करते समय कुलपति ने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया था।
विश्वविद्यालय की ओर से इस कार्यक्रम का उत्तरदायित्व धीरेंद्र सिंह गंगवार को परियोजना समन्वयक के रूप में सौंपा गया है, उनके सहयोग के लिए डॉ. संदीप सिंह नेगी, मोहम्मद साकिब, मोनिका गुप्ता, अंशिका गोयल, अमित कुमार और विजय सिंह बिष्ट को नामित किया गया है।