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उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा कॉलेज में मोबाइल बैन करने वाले बयान का छात्रों ने किया विरोध।

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प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत द्वारा विश्वविद्यालय व कॉलेज में मोबाइल बैन करने वाली बात पर प्रदेशभर के छात्रों ने विरोध करना शुरु कर दिया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उच्च शिक्षा मंत्री के बयान की आलोचना करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया था। प्रदेशभर के छात्रसंघ पदाधिकारियों का कहना है कि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसरों में मोबाइल प्रतिबंधित किए जाने की बात व्यवहारिक नहीं है। उन्हीं के जरिये कई कॉलेजों में डिजिटल लाइब्रेरी बनाई गई हैं। मोबाइल पर प्रतिबंध के मंत्री के खिलाफ प्रदेश भर के छात्र आंदोलन भी कर रहे हैं। छात्र पदाधिकारियों का कहना है कि  प्रधानमंत्री जहां कॉलेजों में ई-लर्निंग कक्षाओं की बात कह रहे हैं, वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री कॉलेज में जैमर लगाकर मोबाइल प्रतिबंधित पर अड़े हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक है। छात्रों का तर्क है कि वर्तमान में छात्र-छात्राएं वाट्सऐप के जरिये विभिन्न विषयों के नोट्स एक दूसरे को आदान- प्रदान करते हैं। कहा कि यदि कॉलेज और परिसर में मोबाइल प्रतिबंध किया गया तो पढ़ाई भी प्रभावित होगी।राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कोटद्वार छात्रसंघ अध्यक्ष हिमांशु बहुखंडी के अनुसार, एक ओर प्रधानमंत्री डिजिटलाइजेशन की बात कर रहे हैं, दूसरी ओर प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री महाविद्यालयों में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। ऐसे में मंत्री खुद ही प्रधानमंत्री के सपनों को पलीता लगाने का कार्य कर रहें हैं। बीजीआर परिसर पौड़ी छात्रसंघ अध्यक्ष आस्कार रावत के मुताबिक, डिग्री कॉलेजों में मोबाइल बंद किए जाने का निर्णय सरकार का तुगलकी फरमान है। एक तरफ सरकार विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में वाई-फाई सुविधा फ्री कर रही है। वहीं मोबाइल फोन प्रतिबंधित किए जाने का निर्णय लिया जा रहा है। इसका विरोध किया जाएगा। कॉलेज के छात्र प्रतिनिधियों ने उच्च शिक्षा मंत्री से छात्रहित में फैसला लेने की मांग की।