उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों में थोड़ी कमी क्या आई सरकार और व्यापारी वर्ग कोविड कर्फ्यू में ढील देने को लेकर आमने- सामने आ गए, बाजार ख़ोलने सहित अन्य मांगों को लेकर देहरादून के व्यापारियों ने गुरुवार को दुकानों के आगे बैनर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कोरोना काल में व्यापारियों की समस्या को देखते हुए बाजार ख़ोले जाने एवं अन्य मांगों का ज्ञापन विधायक खजान दास के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा।
वहीं व्यापारियों द्वारा बाजार खोलने की मांग किए जाने के पर शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा है कि सरकार को कर्फ्यू लगाने का कोई शौक नहीं है, हम परिस्थितियों को परख रहे हैं उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा की सरकार दबाव में नहीं आएगी। हालांकि उन्होंने 8 जून के बाद थोड़ी राहत दिए जाने के संकेत दिए हैं।
वहीं दूसरी तरफ व्यापारी वर्ग ने अपनी कुछ मांगे सरकार के सम्मुख रखी हैं, और इन्हीं मांगों को लेकर दून उद्योग व्यापार मंडल के बैनर तले घण्टाघर स्थित न्यू मार्केट में हाथों में बैनर लेकर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर बाजार ख़ोले जाने की मांग की। अध्यक्ष विपिन नागलिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक मंदी से जूझते व्यापारियों की आमदनी पूर्ण रूप से बंद हो गई है। बहुत से व्यापारियों के आगे रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसलिए व्यापारियों का तीन महीने का पानी का बिल, होटल व्यसायियों का बिजली और नगर निगम के फिक्स चार्ज, पानी का बिल और अन्य टैक्स मांग किये जायें। साथ ही बैंक के ब्याज और क़िस्त की अवधि को भी 6 महीने तक बढ़ाया जाए।
प्रमुख माँगे:
- व्यापारियों का तत्काल वैक्सीनेट किया जाए।
- व्यापारियों को फ्रंट लाइन वारियर घोषित किया जाए।
- व्यापारियों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की जाये।
बढ़ी हुई बिजली की दरें वापिस ली जाए।
5. बाजार खुलने का आदेश जल्द किया जाए। सोसाइटी आफिस द्वारा पिछले वर्ष से लंबित कोरोना योद्धाओ के प्रमाण पत्रों को जारी करवाया जाए ताकि उनका मनोबल बना रहे और विषम स्तिथियों में प्रदेश एवं प्रदेश की जानता की सेवा करने हेतु प्रेरित रहे।
अब देखना होगा कि सरकार व्यापारियों की मांगों पर कितना क्या फैसला लेती है, हालांकि प्रदेश में कम हो रहे कोरोना मामलों को देखते हुए सरकार कोविड कर्फ्यू में छूट दिए जाने को लेकर मंथन में जुट गई है। इसके तहत चौथे चरण के कोविड कर्फ्यू की अवधि आठ जून को समाप्त होने के बाद चरणबद्ध ढंग से बाजार खोले जा सकते हैं।
सरकार यह भी विचार कर रही है कि जिलों में विकासखंड स्तर पर समीक्षा कर संक्रमण के प्रभाव वाले विकासखंडों को छोड़कर शेष को छूट दे दी जाए। कोरोना संक्रमण से मुक्त होने वाले जिलों में बाहरी जिलों से जाने वालों के लिए 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की जा सकती है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिलेवार आंकड़ों की समीक्षा के बाद ही सरकार कोई निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि किसी के दबाव में नहीं, बल्कि जनता की सुरक्षा को देखते हुए फैसले लिए जाएंगे।