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आज है अहोई अष्टमी व्रत : संतान के सुखी जीवन और दीर्घायु के लिए होता है लाभकारी…

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संतान के सुखी जीवन की कामना का अहोई अष्टमी व्रत आज है। इ​स दिन अहोई माता की पूजा होती है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ती है। यह व्रत दीपावली से 8 दिन पहले और करवा चौथ व्रत चार दिन बाद पड़ता है। इस दिन महिलाएं अहोई माता की विधि विधान से पूजा करती हैं। इससे अहोई माता प्रसन्न होकर भक्तों की संतानों के सभी कष्टों को दूर करती हैं, लंबी उम्र और सुखी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।इस दिन मां पार्वती और अहोई माता की पूजा करने का दिन हैं। यह व्रत महिलाएं अपनी संतान के लिए रखती हैं, ताकि उनको लंबी उम्र के साथ सुखी और निरोगी जीवन मिले। इस महत्वपूर्ण दिन महिलाएं बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत रखती हैं।

अहोई अष्टमी का व्रत महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है। अपनी संतान की मंगलकामना के लिए वे अष्टमी तिथि​ के दिन निर्जला व्रत रखती हैं। मुख्यत: शाम के समय में अहोई माता की पूजा अर्चना की जाती है। फिर रात्रि के समय तारों को करवे से अर्ध्य देती हैं और उनकी आरती करती हैं। इसके बाद वे संतान के हाथों से जल ग्रहण करके व्रत का समापन करती हैं।

अहोई अष्टमी को पूजा मुहूर्त 21 अक्टूबर की शाम को 05:46 बजे से रात 07:02 बजे तक है।तारों को देखने का समय शाम को 06:10 बजे से है। वहीं उस दिन चंद्रमा के उदय होने का समय देर रात 11:46 बजे है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यदि संतान विहीन महिलाएं अहोई अष्‍टमी का प्रसाद खाती हैं तो उनको अहोई माता की कृपा से संतान की प्राप्ति होती है।

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