राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने सोमवार को आई.आर.डी.टी सभागार देहरादून में राज्य स्तरीय तीलू रौतेली एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ती पुरस्कार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रदेश की 12 महिलाओं और किशोरियों को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा आंगनवाड़ी के क्षेत्र में 35 महिलाओं को राज्य स्तरीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ती सम्मान प्रदान किया गया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि की नारी शक्ति में वह क्षमता है कि वह अपने दृढ़ निश्चय से हरसंभव चुनौती से निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में महिलाओं को ईश्वर का अलग ही वरदान मिला है। वे अपने जज्बे और क्षमता से बदलाव की क्रांति लाने में सक्षम हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमारे परिवार में सबसे ताकतवर, सशक्त व क्षमतावान सदस्य हमारी महिलाएं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा एवं कल्याण उनके मिशन में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि यहां की महिलाओं में अद्भुत क्षमता है, उन्हें तकनीकी, अवस्थापना सुविधाओं के माध्यम से मदद देकर उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था में एक नई क्रांति लायी सकती है। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि उत्तराखण्ड के बिजिनेस को लोकल से ग्लोबल तक पहुंचाने के लिए नवीन तकनीकों, डिजिटल माध्यमों से जुडें।
उन्होंने महिलाओं से कहा कि उत्तराखण्ड की धरती पर जन्म लेने वाली वीरांगना तीलू रौतेली से सीख लेते हुए अपने आप को सशक्त करें। राज्यपाल ने कहा कि तीलू रौतेली के शौर्य और बलिदान की भावना हमें प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि तीलू रौतेली जैसी अनेक वीरांगनाएं पैदा हुईं हैं, उन सभी के महान कार्यों को हमें जन-जन तक पहुंचाना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के प्रवास पर उत्तराखण्ड की नारी शक्ति के कार्यों को देखने व अनुभव करने का मौका मिला। इससे यह साबित हो गया कि यहां मातृशक्ति ही हमें समृद्ध बना रही है। उन्होंने कहा कि वे आशा, आंगनबाडी और स्वयं सहायता के कार्यों से बेहद प्रभावित हुए हैं। राज्यपाल ने सम्मानित होने वाली सभी महिलाओं को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अन्य महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा स्त्रोत हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने अपने विचार रखते हुए कहा कि नारी शक्ति के अमूल्य योगदान से राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में आगंनवाड़ी कार्यकत्रियों को अहम योगदान है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महिलाएं पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, वे हर कार्य करने में सक्षम हैं। उन्होंने पुरस्कृत होने वाली सभी महिलाओं को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय विधायक खजान दास ने भी अपने विचार इस कार्यक्रम के दौरान रखे।
इस अवसर पर सचिव एवं निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरि चंद्र सेमवाल के अलावा विभागीय अधिकारी, पुरस्कृत एवं सम्मानित होने वाली महिलाएं उपस्थित रहीं।
इन्हें मिला तीलू रौतेली पुरस्कार- अल्मोड़ा – डॉ.शशि जोशी(साहित्य), बागेश्वर – दीपा आर्य, हरिद्वार-प्रियंका प्रजापति, यूएसनगर-प्रेमा विश्वास(खेल), चंपावत-मंजू बाला(बालिका शिक्षा), चमोली-मीना तिवाड़ी, उत्तरकाशी-लता नौटियाल (सामाजिक कार्य), देहरादून-नलिनी गोसाईं (पत्रकारिता), नैनीताल-विद्या महतोलिया (शिक्षा), पौड़ी-सावित्री देवी (साहसिक कार्य), पिथौरागढ़-दुर्गा खड़ायत (महिला स्वयं सहायता समूह), रुद्रप्रयाग-गीता रावत (आजीविका संवर्धन)।
इन्हें मिला आंगनबाड़ी पुरस्कार : अल्मोड़ा – सुनीता कोहली, कुसुम बिष्ट, जानकी, कमला नेगी, बागेश्वर-हेमा सती, चमोली-भागा देवी, शोभा, अभिलाषा देवी, चंपावत-अनीता रावत, देहरादून- अर्चना राणा, सरोज सुयाल, किर्तना शर्मा, हरिद्वार-सीमा रानी, कमलेश धीमान, रचना, उमेश कुमारी, नैनीताल- ज्योति रावत, अंजू सागर, गीता नयाल, पौड़ी-अनीता देवी, आशा देवी, मीना देवी, हेमलता बिष्ट, गिन्नी डंगवाल, पिथौरागढ़ – दीपा पांडेय, ज्योति टम्टा, रुद्रप्रयाग-रंजना अवस्थी,टिहरी-मंगला, उमा भट्ट, सविता सेमवाल, यूएसनगर-स्नेहलता मलिक,रचना रानी, मीरा देवी, उत्तरकाशी-सुमित्रा, लक्ष्मी नौटियाल।