भर्ती घपले को लेकर विवाद में आए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग नई भर्ती शुरू करने से पहले परीक्षा प्रणाली में व्यापक बदलाव करने जा रहा है। आयोग ज्यादातर परीक्षाओं के लिए अब प्री और मेंस का मॉडल लागू करने जा रहा है। ऐसा पेपर लीक या नकल गिरोह को सीमित करने के लिए किया जा रहा है। आयोग का मत है कि दो- दो परीक्षाएं आयोजित कराने से नकल के सरगनाओं की सेंधमारी की संभावना कम रहेगी। साथ ही मेंस तक आधे अभ्यर्थी छंट जाएंगे, इस तरह मुख्य परीक्षा सीमित स्तर पर होने से बेहतर निगरानी के साथ हो सकेगी। अभी समूह ग के लिए एक ही लिखित परीक्षा होती है। इसके साथ ही आयोग परीक्षाओं के लिए एसओपी तैयार कर रहा है।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया के नेतृत्व में अधिकारियों के दल ने सोमवार को पंचकूला हरियाणा लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का दौरा कर अधिकारियों से सम्पर्क किया। आयोग के चेयरमैन जीएस मर्तोलिया ने बताया कि इसी के साथ हिमाचल, हरियाणा और यूपी में भी भर्ती आयोगों की कार्यप्रणाली का अध्ययन किया जा रहा है। आयोग सभी की बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर व्यवस्थाओं को मजबूत करने जा रहा है। इसी के साथ सख्त नकल कानून की भी पैरवी की जा रही है। इसके लिए नकल माफिया के साथ ही नकल में शामिल अभ्यर्थियों पर भी जुर्माना और सजा का प्रावधान किया गया है। मर्तोलिया ने बताया कि फिलहाल आयोग का ध्यान लंबित परीक्षाओं पर निर्णय लेकर, विवाद को समाप्त करने का है। इसके बाद नई परीक्षाएं भर्ती आयोजित की जाएंगी।
वहीं लंबित आठ परीक्षाओं की जांच के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। रिटायर्ड आईएएस एसएस रावत की अध्यक्षता वाली कमेटी में न्याय और आईटी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। रावत ने बताया कि कमेटी ने एक बैठक कर लंबित परीक्षाओं का विवरण ले लिया है। इस मामले में कोर्ट के पुराने निर्णयों का आधार भी देखा जाएगा। साथ ही तकनीकी तौर पर लीक की संभावनाओं को भी देखा जाएगा। रावत के मुताबिक युवाओं के भविष्य से जुड़ा सवाल होने के कारण कमेटी से जल्द से अपनी रिपोर्ट सौंप देगी।