उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की 25 वर्षगांठ के अवसर पर सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज देहरादून में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। आयोजन में एक ओर छात्र-छात्राओं ने उत्तराखण्ड की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं, और इतिहास को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न प्रस्तुतियां दी तो वहीं सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल के आप्ट्रोमैट्री विभाग की ओर से राही नेत्रधाम के सहयोग से एक नि:शुल्क नेत्र शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण उत्तराखण्ड के सदस्य नरेश मठपाल मुख्य अतिथि एवं नेहरू युवा केन्द्र देहरादून के जिला युवा अधिकारी अविनाश सिंह, उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर के रेडियोलॉजिस्ट डॉ. रचित, गायनोलॉजिस्ट डॉ.मरीशा, राही नेत्रधाम के डॉ. चिंतन विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने सभी अतिथियों का संस्थान में स्वागत किया और सभी को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारे आंदोलनकारियों के बलिदान से सन् 2000 में हमें यह राज्य मिला, अब यह हम सबका कर्तव्य है कि राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप हमें इस राज्य को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि युवा हमारी सबसे बड़ी शक्ति हैं, और आप सभी में हमारे राज्य का भविष्य संचित है। आपसे अपेक्षा है कि आप अपनी मातृभूमि के प्रति निष्ठा रखें, इसे पर्यावरणीय संकटों से सुरक्षित रखें और इसके विकास में योगदान दें। उन्होंने कहा कि हमे राज्य स्थापना दिवस की इस 25वीं वर्षगांठ पर नशा मुक्त उत्तराखण्ड का भी संकल्प लेना होगा। आज प्रदेश का युवा तेजी से नशे की आदि हो रहा है, यदि हमारा युवा ही नशे की गिरफ्त में रहेगा तो हम कैसे अपने आंदोलनकारियों के सपनों को साकार कर पाएंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण उत्तराखण्ड के सदस्य नरेश मठपाल ने कहा कि 9 नवंबर 2000 को भारत के 27वें राज्य के रूप में उत्तर-प्रदेश से अलग होकर उत्तराखण्ड़ राज्य अस्तित्व में आया और आज हम राज्य की 25वीं वर्षगांठ बना रहे हैं। हमारा उत्तराखण्ड, जिसे ‘देवभूमि’ के नाम से जाना जाता है, ऋषि-मुनियों की तपोभूमि, गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों का उद्गम स्थल, और हिमालय की चोटियों से आशीर्वादित भूमि है। राज्य गठन के बाद से प्रदेश में विभिन्न विकास कार्य हुए लेकिन आज भी प्रदेश को बहुत अधिक विकास की जरूरत है। आज हमें अपने विकास की यात्रा में संतुलन बनाकर आगे बढ़ना है। हमें आधुनिकता के साथ अपनी संस्कृति को भी जीवित रखना होगा। यही हमारी असली पहचान है। उत्तराखण्ड के लोकगीत, लोकनृत्य, हमारी बोलियाँ, हमारे रीति-रिवाज, ये सब हमें एक विशिष्ट पहचान देते हैं और हमें गौरवान्वित करते हैं। हमें इन्हें संभाल कर रखना है और अगली पीढ़ी को इनसे जोड़ना है।
कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने उत्तराखण्ड के पारंपरिक लोक नृत्यों झोड़ा, चांचरी, चोफला और तांदी का प्रदर्शन किया कर सभी का मन मोहा। छात्र-छात्राओं ने उत्तराखण्ड के इतिहास, यहाँ के आंदोलन और राज्य की स्थापना पर आधारित नाटक प्रस्तुत किया, इस नाटक के माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत और प्रकृति के प्रति यहाँ के लोगों का प्रेम उजागर किया।
आप्ट्रोमैट्री विभाग की ओर से आयोजित नेत्र शिविर में 250 से अधिक छात्र-छात्राओं, शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक कर्मचारियों के आंखों की जांच की गई।
कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल की प्रधानाचार्या डॉ. चारू ठाकुर, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या बलजीत कौर, उपप्रधानाचार्य रबीन्द्र कुमार झा, कम्पयूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष सुनील बिष्ट, नगमा नजराना, पंकज सजवाण, शालिनी ढौडियाल, ऋतिका जोशी, डॉ. रंजीत कुमार सिंह, दीपिका विश्वास आदि शिक्षक एवं कर्मचारीगण सहित संस्थान के 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।