मथुरा धर्म नगरी वृंदावन में अक्षय तृतीया के दिन विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके विहारी अपने भक्तों को देते है अपने चरणों के दर्शन जो कि वर्ष भर में सिर्फ आज ही दिन किये जाते है और इसके लिए मथुरा और वृन्दावन के मंदिरों मैं कई दिन पहले ही आने वाले भक्तों को कोई तकलीफ न हो इसके इंतजाम भी पहले ही कर लिए जाते है और खासकर विहारी जी मंदिर में इसका ख्याल रखा जाता है ,अक्षय तृतीया के लिए बांके विहारी जी का अलग से शृंगार किया जाता है और विहारी जी को सारे बदन पर चन्दन का लेप किया जाता है चन्दन जिसे कई दिन पहले से मंदिर के गोस्वामी मंदिर में घिसते है जिससे की भगवान् जी को तेज गर्मी से राहत मिल सके और उनके पैरों में चाँदी और सोने की पायल भी पहनाई जाती है
बैसे तो यहाँ पर आने वाला हर भक्त अपने मन में भगवान् की अलोकिक छवि को सजाकर आता है मगर साल में एक दिन होने वाले इस दर्शन का अपना ही अलग पुण्य मिलता है क्यूँ की अगर आपने साल में आज के दिन दर्शन कर लिए तो आपका जीबन धन्य हो गया भगवान् के सरीर से स्पर्श होकर आया चन्दन प्रसाद के रूप में सभी भक्तों को दिया जाता है मंदिर में आये लाखों श्रद्धालु बांके विहारी जी की जय जय कार कर भगवान् जी की लीला का गुुणगान करते है और देश ही नहीं विदेशों से भी यहाँ पर लोग चरण दर्शन करने आते है बही भगवान् को आज सत्तू का भोग के साथ साथ ठाकुर जी के चरणों में कपूर केसर गुलाब जल आदि भी अर्पित किया जाता है बांके विहारी मंदिर के साथ साथ स्नेह बांके विहारी मंदिर में भी ये पर्व बड़े जोर शोर से मनाया जाता है जबकि इस दिन श्रद्धालु अपार संख्या में बिहारी जी के दर्शन करने वृंदावन पहुंचे और दर्शन कर ठाकुर जी का आशीर्वाद लिया