उत्तराखंड की सीमा पर कोरोना जांच के विरोध को देखते हुए, अब बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी लोगों के लिए बॉर्डर पर कोरोना की जांच जरूरी नहीं होगी। पर्यटन फिल्म शूटिंग जैसी गतिविधियों के लिए आने वालों को ही कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। स्वास्थ्य सचिव द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक यहां आने वाली गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्गों कारोबारियों, बिजनेसमैन, वीआईपी अधिकारियों एवं न्यायाधीशों को बॉर्डर पर जांच कराने की जरूरत नहीं है। घर पर किसी की मौत बीमार होने किसी काम से बाहर जाने के बाद वापस घर लौटने परिजनों की देखभाल के लिए आने वाले लोगों के लिए बॉर्डर पर जांच अनिवार्य नहीं है। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि जो लोग 3-4 दिन के लिए आ रहे हैं, उसके लिए कोविड-19 टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है।
जो लोग 3-4 दिन के लिए आ रहे हैं उसके लिए #COVID19 टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत #Uttarakhand pic.twitter.com/vrLB92PSge
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 18, 2020
दरअसल शासन के निर्देशों के बाद बॉर्डर पर बाहर से आने वाले लोगों का पेड कोरोना टेस्ट होने लगे थे। लेकिन बाद में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया, लोगों का कहना था कि वह 2400 रूपए में टेस्ट कैसे कराएंगे। लोगों ने टेस्ट के पैसे देने से मना किया, जिसके बाद प्रशासन ने एक बार फिर फ्री वाला एंटीजन टेस्ट शुरू कर दिया। दून में प्रवेश करने वाले लोगों में अधिकांश लोग ऐसे हैं जिन्हें एक दिन में ही वापसी करनी है, ऐसे में उनकी कोरोना जांच नहीं हो रही है।