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शिक्षक दिवस- सिर्फ किताबी ज्ञान नही, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू….

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देश आज भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती मना रहा है। उनका जन्मदिन हर साल 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक हस्तियों ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। यह दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और आभार प्रकट करने का दिन है। देशभर में, स्कूल, कॉलेज, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से लेकर कोचिंग सेंटर्स में डॉ राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देकर इस दिन (Teachers’ Day) को मनाया जाता है।

गुरु का स्थान हर किसी की ज़िंदगी मे बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है, अगर सही ज्ञान देने वाला गुरु मिल जाये तो जिंदगी सफल हो जाये और अगर गुरु ही ज्ञान गलत दे तो ज़िन्दगी बर्बाद भी हो जाती है, ऐसे बहुत से उदहारण किस्से कहानियों में देखने को मिल जाएंगे जहाँ ज्ञान देने वाले गुरु ने समाज की दिशा ही पलट कर रख दी हो, तभी गुरु की महानता पर बहुत सारे दोहे शेरो शायरियां भी बन चुकी हैं।

मां- बाप की मूरत हैं गुरु,
कलयुग में भगवान की सूरत हैं गुरु,

मां- बाप की मूरत हैं गुरु,
कलयुग में भगवान की सूरत हैं गुरु।

शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है, लेकिन उनके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं। कुछ देशों में इस दिन छुट्टी रहती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान को सम्मान दिलाना है। जिस तरह भारत में ‘शिक्षक दिवस’ शिक्षकों को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, उसी तरह ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ सारी दुनिया में शिक्षकों की भूमिका और उसकी जिम्मेदारियों को समझाने के लिए मनाया जाता है।

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