केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संशोधित चिकित्सकीय प्रोटाकॉल प्रबंधन के अनुसार गंध और स्वाद महसूस न होने को भी कोविड-19 के लक्षणों में शामिल किया है। मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न कोविड-19 उपचार केंद्रों में आ रहे कोरोना वायरस से संक्रमित लोग बुखार, खांसी, थकान, सांस लेने में दिक्कत, बलगम, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहने, गले में खराबी और दस्त जैसे लक्षणों की शिकायत कर रहे हैं।
मंत्रालय ने ये भी कहा है कि वर्तमान में किसी शख्स का कोरोना टेस्ट लेने के संदर्भ में 13 क्लीनिकल लक्षण और संकेत हैं जो पिछले महीने संशोधित किए गए थे। भारत ने खास समूहों के कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए रेमेडेसिविर, टोसिलीजुबान और प्लाजमा थेरेपी के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है।
रेमेडेसिविर एक एंटी वायरल दवाई है जिसे कैलिफोर्निया की बायोफार्मा कंपनी गिलिएड साइंस ने इबोला के इलाज के लिए बनाया था, कोविड-19 के इलाज में भी इसके इस्तेमाल को लेकर दुनिया भर में ट्रायल हुआ और सबके नतीजे अलग-अलग रहे।
The updated clinical guidelines for management of #COVID19 recommend use of #HCQ for treatment of mild & moderate disease under medical supervision.#CoronaVirusUpdates @PMOIndia @drharshvardhan @AshwiniKChoubey @PIB_India @ICMRDELHI @DDNewslive @airnewsalerts @COVIDNewsByMIB
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 14, 2020
टोसिलीजुबान का इस्तेमाल गठिया के इलाज में किया जाता है। इसे भारत में रोचे फार्मा बनाती है। यह भारत में एक्टेमरा ब्रैंड नेम से बिकती है, टोसिलीजुबान मुंबई में मरीजों को दी भी गई थी। वहीं प्लाजमा थैरेपी से भी दिल्ली में कोरोना मरीजों का इलाज किया गया है, लेकिन हर बार नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे हैं।