देहरादून जिला अस्पताल के गांधी अस्पताल में कार्यरत सिस्टर सुनीता रावत गोयल को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए नर्सिंग क्षेत्र का सर्वोच्च पुरस्कार राष्ट्रीय नाइटिंगेल पुरस्कार 2019 के लिए चयनित किया गया है। देश की 12 एएनएम, 12 नर्सिंग स्टाफ एवं 3 लेडी हेल्थ विजिटर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दिसंबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य कार्यक्रम में सम्मानित करेंगे। सीएमएस डा. बीसी रमोला ने बताया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल की ओर से सिस्टर सुनीता रावत का चयन कर लिया गया है। 12 मई को पहले यह सम्मान समारोह होना था, लेकिन आचार संहिता लगे होने के चलते कार्यक्रम नहीं हुआ।
अब दिसंबर माह में उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मान स्वरूप उन्हें 50 हजार रुपये नगद, प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाएगा। बताया कि सिस्टर सुनीता काफी कर्मठ स्टाफ है। वह पर्वतीय एवं मैदानी इलाकों में अपनी 20 साल की सेवा के दौरान अब तक 60 हजार नेत्र रोगियों के ऑपरेशन में सहयोग कर चुकी है। वहीं, गांधी अस्पताल में नेत्र रोग विभाग एवं महिला विंग की स्थापना में उनका बहुमूल्य सहयोग रहा है। उनकी देखरेख में यहां 2 हजार शिशुओं का जन्म एवं 5 हजार आंखों के ऑपरेशन हो चुके हैं। इस सर्वोच्च सम्मान के लिए राज्य से सिस्टर सुनीता के चयन पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव नितेश झा, प्रभारी सचिव डा. पंकज पांडेय, डीजी हेल्थ डा. अमिता उप्रेती, सीएमओ डा. मीनाक्षी जोशी, सीएमएस डा. बीसी रमोला अस्पताल के डाक्टरों एवं स्टाफ ने खुशी जाहिर की है।
जन स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान के लिए राजकीय गांधी शताब्दी विज्ञान केंद्र अस्पताल में कार्यरत सिस्टर इंचार्ज एवं वरिष्ठ नर्स सुनीता रावत गोयल का चयन राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटेंगल पुरस्कार के लिए हुआ है। दिसंबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें यह पुरस्कार प्रदान करेंगे।इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पहले अस्पताल स्तर पर, फिर मुख्य चिकित्साधिकारी, उसके बाद स्वास्थ्य महानिदेशालय और फिर शासन स्तर पर आवेदनों की छंटनी होती है। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार के लिए चयन किया जाता है। गांधी शताब्दी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि सुनीता रावत गांधी शताब्दी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग और स्त्री रोग विभाग में अच्छा कार्य करती रही हैं।
इससे पहले वह दून अस्पताल में तैनात थीं। पांच साल उन्होंने निजी सेक्टर में सेवाएं दी। सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में उन्हें 20 साल हो चुके हैं। वह प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में सेवाएं दे चुकी हैं। उन्होंने अब तक 60 हजार नेत्र रोगियों के ऑपरेशन में सहयोग किया है। गांधी अस्पताल में नेत्र रोग विभाग एवं महिला विंग की स्थापना में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उनकी देखरेख में अस्पताल में दो हजार शिशुओं का जन्म और लगभग पांच हजार मरीजों के आंखों के ऑपरेशन हो चुके हैं। डॉ. रमोला और अस्पताल के अन्य स्टाफ ने सुनीता को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है। सुनीता का मायका रानीखेत (अल्मोड़ा) में है। जबकि ससुराल देहरादून के दून एन्क्लेव, विजय पार्क एक्सटेंशन में है।अब राष्ट्रपति भवन में दिसंबर में यह पुरस्कार दिया जाएगा। सुनीता को 50 हजार रुपये, प्रशस्तिपत्र और मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा। सुनीता ने बताया कि उन्हें मैसेज मिला है कि राष्ट्रपति भवन में तीन से सात दिसंबर के बीच आयोजित समारोह में किसी भी दिन यह पुरस्कार दिया जा सकता है। इसलिए इस अवधि में उन्हें वहीं रहना है।