प्रदेश में लागू किए गए कोविड कर्फ्यू के बाद से यहां कोरोना के नए मामलों में कमी जरूर आई है, लेकिन मौतों का सिलसिला नहीं थम रहा है। रोजाना होने वाली मौतों की संख्या भले ही कम दिखाई जा रही है, लेकिन बैकलॉग की मौतें मृत्यु दर को बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले हैल्थ बुलेटिन में पिछले 10 दिनों से लगातार बैकलॉग मौतें भी दिखाई जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह मौतें जिले के रिपोर्ट में तो दर्ज हैं, लेकिन राज्य कोविड कंट्रोल रूम को समय से यह आंकडे उपलब्ध नहीं हो रहे हैं जिसके चलते इन्हें अगली तिथि में दर्शाया जाता है।
बुधवार को भी प्रदेश में 53 मौतें दर्ज की गई, जबकि बैकलॉग की 40 मौतें भी सामने आई हैं। राहत देने वाली बात यह है कि प्रदेश में अब रोजाना ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए पॉजिटिव मरीजों की संख्या से कहीं अधिक है और रिकवरी रेट 82.84 प्रतिशत हो गया है, लेकिन अभी भी हमें और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि बीतें तीन दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है। 24 मई को जहां 2071 नए मरीज दर्ज किए गए थे, वहीं 25 मई को 2756 मामले दर्ज किए गए, 26 मई को यह संख्या और अधिक हुई और 2991 नए मामले दर्ज किए गए।
While it's a big relief that cases/positivity rates are declining in #Uttarakhand, our biggest challenge for now is our death rate. Amongst 36 states/UTs, our death rate of 1.89% is 2nd highest in country after Punjab with 2.5%. We are also 64% more than national rate of 1.15%.
— Anoop Nautiyal (@Anoopnautiyal1) May 26, 2021
मृत्यु दर की बात की जाए तो राज्य की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से 64% अधिक है। जबकि देशभर में मृत्यु दर के मामले में उत्तराखंड 1.89 % के साथ दूसरे नंबर पर है। पंजाब 2.5% के साथ इस लिस्ट में पहले स्थान पर है।