देहरादून में हुए अब्दुल शकूर हत्याकांड में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। आपको याद होगा बीती 28 अगस्त को देहरादून में अब्दुल शकूर नाम के युवक की मौत हो गई थी। अब्दुल को कुछ लोग इलाज के लिए मैक्स अस्पताल में छोड़ गए थे, बाद में पता चला कि अस्पताल लाने से पहले ही अब्दुल मर चुका था। पुलिस ने अब्दुल के साथियों को पकड़ा तो उन्होंने हत्या की वजह भी उगल दी। आरोपियों ने खुलासा किया कि अब्दुल क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करता था। दोस्त उससे 485 करोड़ के बिट क्वाइन एकाउंट का पासवर्ड जानना चाहते थे लेकिन ये मामला 1000 करोड़ से ऊपर जा सकता है। पांच आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं, जबकि 4 आरोपी फरार हैं। जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है, नए खुलासे हो रहे हैं। अब जांच में पता चला है कि अब्दुल शकूर थाईलैंड में भी ऑफिस चलाता था। पुलिस का अनुमान है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश एक हजार करोड़ से ऊपर जा सकता है।
अब्दुल की हत्या के फरार आरोपियों के विदेश भागने की संभावना है। यही वजह है कि पुलिस आरोपियों के पासपोर्ट की जानकारी जुटा रह है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ की मदद ली जाएगी। इनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हो गए हैं। 485 करोड़ की क्रिप्टो करेंसी के लिए मारे गए अब्दुल शकूर का साग्राज्य भारत से थाईलैंड तक फैला था। क्रिप्टो करेंसी में करोड़ों का निवेश कराकर अब्दुल शकूर 24 साल की उम्र में साइबर बिजनेस का बेताज बादशाह बन गया था। शकूर क्योंकि केरल का रहने वाला था इसीलिए केरल पुलिस भी जांच में मदद कर रही है। आपको बता दें कि 28 अगस्त को प्रेमनगर में अब्दुल शकूर की यातनाएं देकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या में शामिल फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ, सुफेल मुख्तार और आफताब मोहम्मद को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी केरल के रहने वाले हैं।