1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की आज 26 वीं बरसी है। पुलिस की इस बर्बरता में 7 राज्य आंदोलनकारी शहीद हो गए थे। आज प्रदेश शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दे रहा है। रामनगर में शहीद पार्क लखनपुर में राज्य आंदोलनकारी प्रभात ध्यानी के संचालन में शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में आंदोलनकारियों ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार खटीमा, मंसूरी, मुजफ्फरनगर कांड में शहीद आंदोलनकारियों की शहादत को भूल गयी है, जिनकी बदौलत वे सत्ता का सुख भोग रही हैं।
सत्तारूढ़ सरकारों ने शहीदों के सपनों तथा राज्य की अवधारणा को पूरी तरह खत्म कर दिया है। राज्य आंदोलनकारियों ने एक स्वर में कहा कि शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम राज्य की अवधारणा तथा स्थानीय समस्याओं के लिए संघर्ष का रास्ता अपनाएं। खटीमा कांड के शहीदों के साथ पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणब मुखर्जी को भी श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा में पीसी जोशी, जगदीश पाथरी, पान सिंह नेगी, हरीश भट्ट, चंद्रशेखर जोशी, लालमणि, किरण आर्या, हाफिज सईद अहमद, फ़जल खान, रईस अहमद, इंद्र सिंह मनराल, योगेश सती, डॉक्टर निशांत पपनै, मनमोहन अग्रवाल, अनिल अग्रवाल खुलासा, प्रभात ध्यानी आदि उपस्थित थे।